मुंबई, 30 मार्च, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जहाँ प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई वहां एक टेबल पर वॉशिंग मशीन रखी थी, और उस पर बीजेपी वॉशिंग मशीन लिखा हुआ था। पवन खेड़ा ने कहा, बीजेपी जिन नेताओं पर करोड़ों के घोटाले का आरोप लगाती है, उन्हें पार्टी में शामिल करवाती है और केस वापस ले लेती है। उन्होंने कहा कि भाजपा के पास ऐसी वॉशिंग मशीन है, जिसमें 10 साल पुराना केस भी डालो तो आरोपी बेदाग निकलता है। मशीन के साथ-साथ ये कमाल मोदी वॉशिंग पावडर का भी है। साथ ही, खेड़ा ने एक पेपर जारी करके आरोप भी लगाया कि विपक्ष के नेताओं को डराने धमकाने के लिए CBI, ED और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा, हम ऐसी वॉशिंग मशीन न आपको बेच पाएंगे और न आप खरीद पाएंगे, क्योंकि 8,552 करोड़ की मशीन केवल एक ही आदमी रख सकता है, उसका नाम नरेंद्र मोदी है।
पवन खेड़ा ने आगे कहा, मोदी सरकार ने ईडी, आईटी, सीबीआई जैसी स्वतंत्र संस्थाओं का इस्तेमाल अपना राजनीतिक विस्तार करने के लिए हथियार के रूप में किया है। चाहे वह फर्मों से इलेक्टोरल बॉन्ड की वसूली के लिए ईडी का दुरुपयोग हो या फिर 30 साल पुराने नोटिस के जरिए प्रमुख विपक्षी दलों को परेशान करने के लिए आयकर विभाग का उपयोग हो, भाजपा संस्थाओं को कमजोर करने में आदतन अपराधी बन गई है। खेड़ा ने कहा कि NCP नेता प्रफुल्ल पटेल इसके जीते जागते उदाहरण हैं। भाजपा ने उन पर अरबों रुपए के घोटाले का आरोप लगाया। जब वे NCP को तोड़कर भाजपा के साथ गए तो उनके सारे दाग साफ हो गए। असम के CM हिमंता सरमा की भी कुछ यही कहानी है। प्रफुल्ल पटेल के खिलाफ CBI ने मामला बंद कर दिया है। वे कुछ महीने पहले ही BJP गठबंधन में शामिल हुए थे। प्रफुल्ल पटेल वॉशिंग मशीन में गए और साफ होकर निकले। ये महज एक नाम नहीं है बल्कि ऐसे 21 नाम हैं। बीजेपी ने प्रफुल्ल पटेल पर आरोप लगाए थे कि एअर इंडिया को लीज पर हवाई जहाज लेने की कोई जरूरत नहीं थी, लेकिन फिर भी हवाई जहाज लिए गए, जिससे 3000 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ। कहा गया कि पैसा हमें मिला। उस वक्त के CAG विनोद रॉय ने अनाप-शनाप टिप्पणियां कीं, लेकिन अगर आरोप झूठे थे तो नरेंद्र मोदी को इस देश से माफी मांगनी चाहिए।
वहीं, खेड़ा ने विपक्ष के 51 केस गिनाए जिस पर कार्रवाई हो रही है। इसके अलावा उन्होंने 20 केस ऐसे गिनाए, जिनमें सत्ता पक्ष और उसके करीबी पार्टियों के नेताओं पर केस दर्ज हैं, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। खड़गे ने जिन नेताओं के बारे में कहा है उनके मुकुल रॉय, सुवेंदु अधिकारी, मिथुन चक्रवर्ती, सोवन चटर्जी, वायएस चौधरी, जगन रेड्डी, हिमंत बिस्वा सरमा, नारायण राणे, अजित पवार, हसन मुश्रीफ, छगन भुजबल, अशोक चव्हाण का नाम भी है।