ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच इस समय चल रही 5 मैचों की टी20 सीरीज के बाद दोनों टीमों के बीच 3 मैचों की वनडे सीरीज खेली जानी है। लेकिन इससे पहले ऑस्ट्रेलियाई टीम को तगड़ा झटका लगा है। टीम के तीन प्रमुख खिलाड़ी — मिचेल ओवेन, मैट शॉर्ट और लांस मॉरिस आगामी वनडे सीरीज से बाहर हो गए हैं।
चोटों ने बढ़ाई चिंता
🔹 मिचेल ओवेन — दोनों सीरीज से बाहर
टी20 सीरीज के दूसरे मुकाबले में बल्लेबाजी के दौरान मिचेल ओवेन को हेलमेट पर तेज गेंद लगी थी। शुरुआती कंकशन टेस्ट में कोई गंभीर संकेत नहीं मिला, लेकिन बाद में उन्होंने सिरदर्द और असहजता महसूस की। टीम मैनेजमेंट ने जोखिम न लेते हुए उन्हें टी20 और वनडे दोनों सीरीज से बाहर कर दिया है।
🔹 मैट शॉर्ट — फिटनेस नहीं हुई पूरी
मैट शॉर्ट दोनों सीरीज का हिस्सा थे, लेकिन वेस्टइंडीज के खिलाफ पिछली T20 सीरीज से पहले ही चोटिल हो गए थे। उम्मीद की जा रही थी कि वे इस सीरीज में वापसी करेंगे, लेकिन फिटनेस पूरी तरह ठीक न होने के कारण अब उन्हें भी बाहर कर दिया गया है।
लांस मॉरिस — पीठ में ऐठन
तेज गेंदबाज लांस मॉरिस को पीठ में ऐठन की समस्या हुई, जिसके चलते उन्हें पर्थ वापस लौटना पड़ा। टीम प्रबंधन ने उन्हें आराम देने का फैसला किया है ताकि वो भविष्य में पूरी तरह फिट होकर वापसी कर सकें।
किसे मिला मौका?
आरोन हार्डी और मैथ्यू कुहनेमन को किया गया शामिल
वनडे सीरीज के लिए टीम में दो नए चेहरों को जोड़ा गया है:
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आरोन हार्डी – मौजूदा टी20 सीरीज में खेल रहे इस ऑलराउंडर को वनडे टीम में प्रमोट किया गया है। वे घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।
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मैथ्यू कुहनेमन – यह स्पिन गेंदबाज भी टी20 टीम का हिस्सा हैं। दिलचस्प बात यह है कि कुहनेमन ने पिछले 3 वर्षों से ऑस्ट्रेलिया के लिए एक भी वनडे मैच नहीं खेला है, ऐसे में यह मौका उनके लिए खुद को साबित करने का बड़ा अवसर होगा।
टीम संतुलन पर असर
तीन खिलाड़ियों के बाहर होने से ऑस्ट्रेलिया की टीम संतुलन में थोड़ी कमी जरूर आएगी, खासकर ऑलराउंडर मिचेल ओवेन की अनुपस्थिति से। हालांकि टीम के पास अब भी पर्याप्त गहराई है, और नए खिलाड़ियों को खुद को अंतरराष्ट्रीय मंच पर साबित करने का मौका मिलेगा।
नज़र रखने योग्य बिंदु
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कुहनेमन का प्रदर्शन खासतौर पर देखा जाएगा, क्योंकि एक लंबे अंतराल के बाद उन्हें वनडे टीम में जगह मिली है।
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आरोन हार्डी के ऑलराउंड कौशल से टीम को बैटिंग और बॉलिंग दोनों में मजबूती मिल सकती है।
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प्लेइंग इलेवन के चयन में अब कप्तान और कोच को नई रणनीति अपनानी पड़ सकती है।
निष्कर्ष:
ऑस्ट्रेलिया के लिए यह झटका जरूर है, लेकिन यह नए खिलाड़ियों के लिए भी खुद को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने का सुनहरा मौका है। अब देखना दिलचस्प होगा कि ये खिलाड़ी टीम को किस हद तक मजबूती देते हैं और क्या ऑस्ट्रेलिया अपनी गहराई के दम पर इस चुनौती से पार पा सकेगा।