मुंबई, 14 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सुरक्षा को लेकर पुणे की विशेष MP/MLA कोर्ट में दाखिल की गई याचिका उनके वकील मिलिंद पवार ने गुरुवार को वापस ले ली। यह वही कोर्ट है, जहां सावरकर मानहानि केस में राहुल गांधी के खिलाफ सुनवाई चल रही है। पवार ने बताया कि उन्होंने सुबह अदालत में आवेदन देकर याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी थी, जिसे मंजूरी दे दी गई। यह याचिका बुधवार को कोर्ट के रिकॉर्ड में दर्ज हुई थी। बुधवार को पवार ने अदालत में एक याचिका दाखिल कर दावा किया था कि “वोट चोरी” का मामला उजागर करने के बाद राहुल गांधी की जान को खतरा बढ़ गया है। इसमें कहा गया था कि भाजपा नेता आरएन बिट्टू ने गांधी को “आतंकवादी” कहा और एक अन्य नेता तरविंदर मारवाह ने उन्हें धमकी देते हुए कहा कि अच्छा व्यवहार न करने पर उनका भी वही हश्र होगा, जो उनकी दादी का हुआ था। याचिका में शिकायतकर्ता सत्यकी सावरकर के गोडसे परिवार से संबंध और उनके प्रभाव के इस्तेमाल का भी उल्लेख किया गया था।
हालांकि, याचिका दाखिल होने के कुछ ही घंटों बाद मिलिंद पवार ने एक नोट जारी कर कहा कि उन्होंने यह कदम राहुल गांधी से सलाह लिए बिना उठाया था। कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने भी सोशल मीडिया पर स्पष्ट किया कि यह याचिका राहुल की सहमति के बिना दायर हुई थी। सावरकर मानहानि केस की पृष्ठभूमि मार्च 2023 के उस भाषण से जुड़ी है, जिसमें लंदन में राहुल गांधी ने कहा था कि वीडी सावरकर ने अपनी एक किताब में लिखा था कि उन्होंने और उनके साथियों ने एक मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई की थी और इससे उन्हें खुशी हुई थी। इसी बयान के आधार पर सत्यकी सावरकर ने मानहानि का मामला दायर किया था। इसी मामले में जुलाई में कोर्ट ने सत्यकी सावरकर की उस मांग को खारिज कर दिया था, जिसमें वे राहुल गांधी से उक्त पुस्तक पेश करने की बात कह रहे थे। इससे पहले भी राहुल गांधी कई बार सावरकर को लेकर विवादित टिप्पणी कर चुके हैं। नवंबर 2022 में महाराष्ट्र के अकोला में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान उन्होंने सावरकर पर अंग्रेजों से डरकर माफी मांगने और गांधी-पटेल को भी ऐसा करने के लिए कहने का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि सावरकर के इस कदम ने स्वतंत्रता संग्राम के नेताओं को धोखा दिया था।