मुंबई, 14 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और विपक्ष द्वारा लगाए गए वोटर लिस्ट में गड़बड़ी और वोट चोरी के आरोपों पर चुनाव आयोग ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। आयोग ने कहा कि ‘वोट चोरी’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर झूठी कहानियां गढ़ना करोड़ों भारतीय मतदाताओं का अपमान है और लाखों चुनावकर्मियों की ईमानदारी पर चोट है। आयोग ने स्पष्ट किया कि ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ का कानून 1951-52 से लागू है। यदि किसी के पास इस बात का सबूत है कि किसी व्यक्ति ने एक ही चुनाव में दो बार वोट डाला है, तो उसे सबूतों के साथ शपथपत्र देकर आयोग को जानकारी देनी चाहिए, न कि पूरे देश के मतदाताओं को ‘चोर’ कहना चाहिए। राहुल गांधी ने 12 अगस्त को आरोप लगाया था कि कई सीटों पर वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की जा रही है और यह नेशनल लेवल पर योजनाबद्ध तरीके से हो रहा है। उन्होंने कहा कि अब उनके पास इस संबंध में सबूत हैं और वे ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ की संवैधानिक व्यवस्था की रक्षा कर रहे हैं, जबकि चुनाव आयोग इसे लागू करने में विफल रहा है। बिहार की अपडेटेड वोटर लिस्ट में 124 साल की मिंता देवी के नाम को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसे मामले असीमित संख्या में हैं और तस्वीर अभी बाकी है।
इससे पहले कर्नाटक के मुख्य चुनाव अधिकारी ने राहुल गांधी को नोटिस जारी कर उनके आरोपों के सबूत मांगे थे। राहुल ने 7 अगस्त को आरोप लगाया था कि महादेवपुरा विधानसभा सीट पर 1 लाख से ज्यादा वोट चोरी हुए हैं और एक महिला ने दो बार मतदान किया। नोटिस में कहा गया कि राहुल द्वारा दिखाई गई वोटर लिस्ट और दस्तावेज आयोग के रिकॉर्ड से मेल नहीं खाते। आयोग ने राहुल से कहा है कि अगर वे अपने आरोपों पर भरोसा करते हैं तो उन्हें हलफनामे पर हस्ताक्षर करने चाहिए, और अगर नहीं करते तो देश से माफी मांगनी चाहिए। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए राहुल गांधी ने बेंगलुरु के फ्रीडम पार्क में आयोजित ‘वोट अधिकार रैली’ में कहा कि उन्होंने पहले ही संसद में संविधान की शपथ ली है और जनता से जुड़े मुद्दों पर सवाल पूछना उनका अधिकार है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब जनता ने वोटर डेटा को लेकर सवाल उठाने शुरू किए तो चुनाव आयोग ने अपनी वेबसाइट बंद कर दी, क्योंकि उन्हें डर है कि सवाल-जवाब से उनका पूरा ढांचा हिल जाएगा। राहुल ने 7 अगस्त को 22 पेज का प्रेजेंटेशन देते हुए कर्नाटक की वोटर लिस्ट में संदिग्ध वोटरों की मौजूदगी का दावा किया था। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के नतीजों ने इस शक को मजबूत किया कि चुनाव में गड़बड़ी हुई है। उनका आरोप है कि मशीन-रीडेबल वोटर लिस्ट उपलब्ध नहीं कराकर आयोग ने भाजपा के साथ मिलकर महाराष्ट्र चुनाव में धांधली की।