प्रयागराज न्यूज डेस्क: रक्षाबंधन के दिन बहन की कलाई पर राखी बंधवाने की जल्दी में अमर सिंह पटेल घर लौट रहा था, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। मेजारोड स्टेशन पर ट्रेन से उतरकर जैसे ही उसने घर फोन कर कहा कि "बस, पहुंच रहा हूं", कुछ ही मिनटों बाद खबर आई कि वह ट्रेन की चपेट में आ गया है। बहन अलका जो राखी लिए उसका इंतजार कर रही थी, सदमे से टूट गई। परिवार में मातम पसर गया।
दिल्ली-कोलकाता रेल मार्ग के मेजारोड रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार सुबह 11 बजे के आसपास अमर, जो कान में हेडफोन लगाए हुए था, डीएफसी ट्रैक पार करते समय ट्रेन की चपेट में आ गया। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि हेडफोन की वजह से वह ट्रेन की आवाज नहीं सुन पाया और हादसा हो गया। उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
22 वर्षीय अमर इटावा में परिवहन विभाग में संविदा कर्मी था और रक्षाबंधन के लिए छुट्टी लेकर घर लौट रहा था। बारिश के कारण स्टेशन पर कुछ देर रुका और फिर जल्दी में ट्रैक पार करने लगा। अमर अभी कुंवारा था और अपने माता-पिता का बड़ा बेटा था। उसकी मां सुनीता और बहन अलका का रो-रोकर बुरा हाल है।
स्थानीय लोग कह रहे हैं कि डीएफसी ट्रैक बने तीन साल से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन अभी तक फुट ओवर ब्रिज नहीं बना है। लोगों को रोज जान जोखिम में डालकर ट्रैक पार करना पड़ता है। अगर समय रहते यह पुल बना होता, तो शायद आज अमर ज़िंदा होता।