मुंबई, 4 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने एडिटर्स गिल्ड के मेंबर्स के खिलाफ FIR दर्ज कराई। गिल्ड पर राज्य में हिंसा को बढ़ावा देने की कोशिश का आरोप है। इसने एक रिपोर्ट में सरकार की लीडरशिप को पक्षपाती बताया था। बीरेन सिंह ने गिल्ड के तीन सदस्यों पर केस किया है। इन तीनों के नाम सीमा गुहा, भारत भूषण और संजय कपूर हैं। इस मामले में एडिटर्स गिल्ड की तरफ से अब तक कोई रिएक्शन नहीं आया है। वहीं, CM ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, मैं एडिटर्स गिल्ड के मेंबर्स को वॉर्निंग देता हूं। अगर आपको सच जानना है तो घटना वाली जगह पर जाएं। सच्चाई को जानिए। सभी समुदाय के लोगों से मिलिए, फिर जो जानकारी मिले उसे पब्लिश करें। चुनिंदा लोगों से ही मिलकर कोई नतीजा देना गलत है।
तो वहीं, ANI की रिपोर्ट के अनुसार, एडिटर्स गिल्ड ने 2 सितंबर को सोशल मीडिया हैंडल X (टि्वटर) पर अपनी रिपोर्ट शेयर की थी। इसके साथ लिखा था कि- यह बात स्पष्ट है कि मणिपुर में हिंसा के समय निष्पक्ष लीडरशिप नहीं हो रही थी। सरकार को इस मामले में किसी एक जाति का पक्ष नहीं लेना चाहिए था। सरकार लोकतांत्रिक रहने में फेल हुई है। ANI ने आगे बताया, एडिटर्स गिल्ड ने अपनी रिपोर्ट में एक फोटो में गलती कर दी। गिल्ड ने चुराचांदपुर जिले में एक जलती हुई इमारत की तस्वीर छापी और दावा किया कि यह कुकी समुदाय का घर है। जबकि यह बिल्डिंग वन विभाग ऑफिस की थी जिसे 3 मई को एक भीड़ ने आग लगा दी थी। गलत फोटो का मामला सामने आने के बाद एडिटर्स गिल्ड ने रविवार को एक्स (ट्विटर) पर अपनी गलती को स्वीकार किया। गिल्ड ने आगे लिखा, हमें फोटो कैप्शन में हुई गलती के लिए खेद है। इसमें सुधार किया जा रहा है। नई मणिपुर रिपोर्ट अपलोड कर दी गई है।
दरअसल, राज्य में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच 3 मई से जारी हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र ने बताया था कि मणिपुर में 6 हजार 523 FIR दर्ज की गई हैं। इनमें से 11 केस महिलाओं और बच्चों की हिंसा से जुड़े हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 7 अगस्त को कहा था कि मणिपुर हिंसा से जुड़े मामलों की जांच 42 स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीमें (SIT) करेंगी। साथ ही, असम राइफल्स के लेफ्टिनेंट जनरल पीसी नायर ने 1 सितंबर को कहा था, मणिपुर में दोनों जाति के लोगों के पास बहुत सारे हथियार हैं। इससे राज्य मे मुश्किलें बढ़ रही हैं। इस लड़ाई को रोकने की जरूरत है। लोगों को बताना चाहिए कि शांति ही अब आगे का रास्ता है। इस समय मणिपुर में ऐसे हालात हैं जो पहले कभी नहीं देखे गए। ऐसी ही लड़ाई 90 के दशक की शुरुआत में नगा और कुकी और आखिर में कुकी लोगों के बीच हुई थी।