मुंबई, 22 मार्च, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूटान के दो दिन के दौरे पर हैं। भूटान के राजा जिग्मे वांगचुक ने प्रधानमंत्री को वहां के सर्वोच्च 'ऑर्डर ऑफ ड्रूक ग्यालपो' अवॉर्ड से सम्मानित किया। इसके अलावा भूटान के राजा जिग्मे वांगचुक भारत-भूटान संबंधों को मजबूत करने और कोरोना के समय मदद करने के लिए मोदी को एक अन्य अवॉर्ड से भी सम्मानित करेंगे। मोदी ने कहा कि वो इस सम्मान को 140 करोड़ भारतीयों को समर्पित करते हैं। मोदी ने कहा, आज एक भारतीय के नाते मेरे जीवन का बहुत बड़ा दिन है, आपने मुझे भूटान के सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया है। हर पुरस्कार अपने आप में विशेष होता ही है लेकिन जब किसी अन्य देश से पुरस्कार मिलता है तो यह महसूस होता है कि हम दोनों देश सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। इसस पहले वो राजधानी थींपू के ताशिचो द्जोंग पैलेस पहुंचे। यहां उनका औपचारिक स्वागत हुआ। उन्होंने भूटान के राजा जिग्मे वांगचुक से मुलाकात की। भूटान पहुंचने पर प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे ने पारो एयरपोर्ट पर मोदी का गले मिलकर स्वागत किया। टोबगे ने मोदी से कहा, 'स्वागत है मेरे बड़े भाई।' उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया।
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक से मिलकर खुशी हुई। हमने दोनों देशों के रिश्ते बेहतर बनाने पर विचार किया। साथ ही भारत और भूटान एक साझी विरासत का हिस्सा है। भारत भगवान बुद्ध की भूमि है, उनकी तपोस्थली है। भारत वह भूमि है जहां बुद्ध को बोध प्राप्त हुआ था। भूटान ने भगवान बुद्ध की उन शिक्षाओं को आत्मसात किया, उन्हें संरक्षित किया। भारत और भूटान की पार्टनरशिप सिर्फ जमीन और पानी तक सीमित नहीं है। भूटान अब भारत के स्पेस मिशन का भी पार्टनर है। भूटान के वैज्ञानिकों ने ISRO के साथ मिलकर सैटेलाइट लॉन्च की हैं। हम एक-दूसरे की कामयाबियों को सेलिब्रेट करते हैं। मोदी भारत में आम चुनावों का ऐलान होने के बाद किसी विदेश दौरे पर जाने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक चुनाव से ठीक पहले भूटान जाकर मोदी ने पड़ोसी देश को उसकी अहमियत का एहसास कराने की कोशिश की है।