मुंबई, 25 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) अब मिशन गगनयान के लिए इंटीग्रेटेड एयर ड्रॉप टेस्ट करने की तैयारी कर रहा है। इसमें गगनयान के क्रू मॉड्यूल को हेलिकॉप्टर से गिराना और अलग-अलग ऊंचाई और वेलोसिटी पर मॉड्यूल पर पड़ने वाले प्रभावों को समझना शामिल है। एयर ड्रॉप टेस्ट पूरा हो जाने के बाद ISRO यान की दिक्कतों को जानने के लिए पैड एबोर्ट टेस्ट भी करेगा। ये सभी टेस्ट इसरो के 2035 तक स्पेस स्टेशन और 2040 तक मानव को चांद तक भेजने के तैयारियों का हिस्सा है। इसके पहले ISRO ने 21 अक्टूबर को गगनयान का सफल इन-फ्लाइट एबोर्ट टेस्ट किया था।
तो वहीं, गगनयान के इन-फ्लाइट एबोर्ट टेस्ट के बंगाल की खाड़ी से क्रू मॉड्यूल (CM) बरामद किया गया था, जिसका इसरो ने एनालसिस किया। इसके साथ ही क्रू एस्केप सिस्टम (CES) के कुछ हिस्सों का भी अध्ययन किया गया। इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में गिरे मॉड्यूल के अंदर के सिस्टम और पार्ट कैसे बचे रहे, इसका भी अध्ययन किया जा रहा है। साथ ही, स्पेस एजेंसी ने बताया कि इसरो अपनी योजना के मुताबिक एक इंटीग्रेटेड एयर ड्रॉप टेस्ट करेगा। इसकी तारीख क्रू मॉड्यूल के एनालसिस होने के बाद तय की जाएगी। अगर संभव हुआ तो दिसंबर तक टेस्ट किया जा सकता है।