जम्मू-कश्मीर के लिए कांग्रेस ने जारी किया मेनिफेस्टो, युवाओं को ₹3500 बेरोजगारी भत्ते का वादा, जानिए पूरा मामला

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Posted On:Monday, September 16, 2024

मुंबई, 16 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। जम्मू-कश्मीर के लिए कांग्रेस ने मेनिफेस्टो जारी किया है। इसमें जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस दिलाए जाने की कही गई है। पूरे मेनिफेस्टो में आर्टिकल 370 का जिक्र नहीं है। पार्टी ने भूमिहीन किसानों को हर साल 4 हजार रुपए की अतिरिक्त आर्थिक सहायता देने और बेरोजगार युवाओं को एक साल तक हर महीने 3500 रुपए का बेरोजगारी भत्ता देने का ऐलान किया है। पार्टी ने वादा किया है कि गरीब परिवारों को मिलने वाले 5 किलो राशन को बढ़ाकर 11 किलो किया जाएगा। वहीं, सरकारी विभागों में खाली 1 लाख पदों को भरने के लिए सरकार बनने के 30 दिन के भीतर नौकरी कैलेंडर बनाने का वादा किया है। इसके अलावा महिला सम्मान योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की मुखिया महिला को हर महीने 3 हजार रुपए की सहायता देना का ऐलान किया है।

युवाओं को हर महीने 3500 रुपए तक का बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा। विभिन्न विभागों में खाली पड़़े 1 लाख सरकारी पदों को भरा जाएगा। पेंडिंग सरकारी रिक्तियों को भरने के लिए पहले 30 दिन के भीतर नौकरी कैलेंडर जारी किया जाएगा। आवेदकों को साल में केवल एक बार परीक्षा शुल्क का भुगतान करना होगा। नौकरियों में लोकल लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी। बड़े स्तर पर शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। हार्ड जोन में मौजूद बंद स्कूलों को एडहॉक के आधार पर शिक्षक उपलब्ध कराए जाएंगे। जम्मू-कश्मीर पुलिस, फायर ब्रिगेड और वन सुरक्षा बल के लिए विशेष सीमा भर्तियों में ऑन द स्पॉट भर्तियां की जाएंगी।महिला सम्मान योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के परिवारों की मुखिया महिला को हर महीने 3 हजार रुपए की सहायता। सखी शक्ति के तहत प्रत्येक महिला स्वयं सहायता समूह को 5 लाख रुपए तक का ब्याज मुक्त लोन दिया जाएगा। छात्राओं के लिए एक बेटी छात्रवृत्ति योजना के तहत सहायता दी जाएगी। आंगनवाड़ी कार्यकताओं, सहायिकाओं, MDM कर्मियों और आशा कार्यकताओं के मानदेय में राज्य का हिस्सा दोगुना किया जाएगा। महिलाओं को उनके कानूनी अधिकारों के बारे जागरूक किया जाएगा। प्रत्येक पुलिस स्टेशन में महिला पुलिस कक्ष स्थापित किए जाएंगे। पंचायतों को महिला क्लब और सांस्कृतिक केंद्र बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

भूमिहीन, किराए पर खेती करने वाले और भूमि मालिक किसान परिवारों को हर साल अतिरिक्त 4 हजार रुपए की आर्थिक मदद दी जाएगी। राज्य की भूमि पर खेती करने वाले भूमिहीन किसानों को 99 साल के पट्टे की व्यवस्था करेंगे। सेब की फसल के लिए 72 रुपए प्रति किलोग्राम न्यूनतम मूल्य तय किया जाएगा। प्राकृतिक आपदाओं के खिलाफ सभी फसलों के लिए 100% फसल बीमा दिया जाएगा। जम्मू-कश्मीर के किसानों के लिए 100% सिंचाई तय करने के लिए सभी जिला-स्तरीय सिंचाई परियोजनाओं के लिए 2500 करोड़ रुपए का फंड बनाया जाएगा। बिचौलियों की लागत कम करने के लिए प्रत्येक ब्लॉक में थोक अनाज बाजार बनाए जाएंगे। बिजली बिलों में राहत दिए जाने के लिए रुपरेखा तैयार की जाएगी। किसानों को बिना किसी गारंटी के मॉर्गेज पर ट्रैक्टर लोन दिया जाएगा। इलाज, जांच और दवाओं के लिए 25 लाख का बीमा कवरेज दिया जाएगा। हर तहसील में एम्बुलेंस से लैस मोबाइल क्लीनिक तैनात की जाएंगी। इनके लिए 30 मिनट में स्वास्थ्य सेवा दी जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों की कमी को पूरा करने के लिए स्पेशलिस्ट कमेटी का गठन किया जाएगा। AIIMS जैसे संस्थानों की भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाएगा। पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने के संभावित तरीके तलाश किए जाएंगे। वृद्ध, विधवा और विकलांग पेंशन को बढ़ाया जाएगा। अनाथ बच्चों के लिए मासिक सहायता शुरू की जाएगी। डोर-टु-डोर स्टेप वैरिफिकेशन प्रोसेस को अपनाकर इसे परेशानी मुक्त और सरल बनाया जाएगा।

कश्मीरी पंडितोों के लिए पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की शुरू किए गए पुर्नवास प्रोग्राम को फिर से लागू किया जाएगा। विस्थापित कश्मीरी पंडित समुदाय की सुरक्षित और सम्मानजनक वापसी और पुर्नवास के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए काम किया जाएगा। प्रवासी युवाओं के लिए रोजगार की व्यवस्था की जाएगी। पवित्र तीर्थस्थलों, विरासत की सुरक्षा और उनका संरक्षण तय किया जाएगा। पहले 100 दिनों में अल्पसंख्यक आयोग की स्थापना की जायेगी। जम्मू-कश्मीर की आधिकारिक भाषाओं में पंजाबी को शामिल करने की मांग पर विचार किया जाएगा। सभी छात्रों को अच्छी और सस्ती शिक्षा देने के लिए ब्लॉक स्तर सारी सुविधाओं वाले मॉर्डन मॉडल स्कूल बनाएंगे। हर जिसे में मॉडल बोर्डिंग स्कूल बनाए जाएंगे। शिक्षकों की कमी दूर करने के शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। कमजोर वर्गों के छात्रों को विशेष कोचिंग की सुविधा दी जाएगी। CUET प्रणाली पर दोबारा विचार किया जाएगा। उच्च शिक्षा के लिए प्रवेश प्रक्रिया पर फिर से विचार किया जाएगा। शैक्षणिक संस्थानों से आने-जाने वाले विद्यार्थियों को सस्ती परिवहन सेवा मुहैया कराएंगे। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वालों के लिए व्यवस्था की जाएंगी। प्रत्येक ब्लॉक में मॉर्डन लाइब्रेरी और स्टडी सेंटर बनाए जाएंगे। प्रतियोगी परीक्षा देने वाले बेरोजगार युवाओं को आयु में एक बार की छूट दी जाएगी। युवाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए उच्च विद्यालयों में अंशकालिक सेल के साथ आईटीआई में कौशल विकास केंद्र जोड़े जाएंगे।

पिछड़े, उत्पीड़ित वर्गों और जातियों की प्रगति के लिए ठोस नीतियां बनाई जाएंगी। एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस और दूसरे आरक्षित श्रेणियों के अधिकारों की रक्षा की जाएगी। प्रमोशन में आरक्षण के मुद्दे की जांच की जाएगी। संविधान के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में पर्याप्त ओबीसी प्रतिनिधित्व तय करेंगे। एससी, एसटी और ओबीसी के आवास के लिए राज्य भूमि उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जांच की जाएगी। एसटी के अलावा एससी, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस के लिए हॉस्टल बनाए जाएंगे। ओबीसी छात्रों की छात्रवृत्ति तुरंत बहाल करेंगे। ओबीसी आयोग में एक ओबीसी सदस्य को शामिल करेंगे। परिषद बहाल होने पर शहरी स्थानीय निकायों, पंचायतों और विधान परिषद में ओबीसी को प्रतिनिधित्व देंगे। आदिवासी समुदायों के लिए के न्याय के लिए वन अधिकार अधिनियम के क्लेम पर तेजी से काम करेंगे। तंबूओं के जगह शेड लगाएंगे। जनजातीय प्लान तैयार करेंगे। सोलर लाइट का उपयोग करके दूरदराज के गांवों और घरों में 100% विद्युतीकरण को बढ़ावा देंगे।


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