मुंबई, 04 फरवरी, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। मध्य अमेरिकी देश अल सल्वाडोर अपनी जेलों में अमेरिका के हिंसक अपराधियों और अवैध अप्रवासियों को रखेगा। CNN के मुताबिक अल साल्वाडोर के राष्ट्रपति नायब बुकेले ने सोमवार को अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के सामने यह प्रस्ताव रखा था, जिसे उन्होंने तुरंत स्वीकार कर लिया। मार्को रुबियो ने बुकेले के प्रस्ताव की तारीफ करते हुए कहा, अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे किसी भी अपराधी, चाहे वह किसी भी देश का हो, अल सल्वाडोर उन्हें अपनी जेलों में रखेगा। किसी भी देश ने पहले ऐसी पेशकश नहीं की थी। हम इस समझौते से बहुत खुश हैं। ट्रम्प प्रशासन और राष्ट्रपति के सहयोगियों ने भी इस समझौते की तारीफ की है। टेस्ला चीफ इलॉन मस्क ने एक्स पर एक पोस्ट में इस समझौते को एक ग्रेट आइडिया बताया। हालांकि मानवाधिकार संगठनों ने इस कदम की निंदा की है।
लीग ऑफ यूनाइटेड लैटिन अमेरिकन सिटीजन्स (LULAC) के राष्ट्रीय अध्यक्ष रोमन पालोमारेस ने कहा कि हम इस बात का विरोध करते हैं कि गैर-आपराधिक डिपोर्ट किए गए लोगों के साथ जानवरों की तरह बर्ताव करें। उन्हें उनके मूल देश भेजने की परवाह किए बिना कहीं भी भेज दिया जाए। वहीं इमर्सन कॉलेज की प्रोफेसर मनीषा गेलमैन ने कहा कि अमेरिका मूल रूप से लोगों को ऐसे देश में भेजने की योजना बना रहा है जो न तो उनका जन्मस्थान है और न ही वह देश जिससे वे गुजरे थे। अल सल्वाडोर के वामपंथी फराबुंडो मार्ती नेशनल लिबरेशन फ्रंट (FMLN) पार्टी के महासचिव मैनुअल फ्लोरेस ने भी इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि हम क्या हैं? कचरे का ढेर?
अल सल्वाडोर में जनवरी 2023 में एक जेल का निर्माण हुआ था। इसका नाम 'आंतकवादी बंदी केंद्र' है जिसे CECOT के नाम से भी जाना जाता है। यह दुनिया की सबसे बड़ी जेलों में से एक है। इसमें 40 हजार से ज्यादा कैदी रखे जा सकते हैं। बुकेले ने कहा कि वह इस जेल में मामूली पैसे लेकर अमेरिका के खतरनाक कैदियों को रखेंगे। इससे दोनों देशों को फायदा होगा। बुकेले ने सोशल मीडिया पर इस जेल की तस्वीरें भी पोस्ट की हैं। इसमें कई कैदी और गार्ड्स नजर आ रहे हैं।