मुंबई, 14 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। ब्लूमबर्ग से बातचीत में उन्होंने कहा कि यह फैसला शुक्रवार को अलास्का में होने वाली अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बैठक के नतीजे पर निर्भर करेगा। अमेरिका इस बैठक के जरिये रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए मध्यस्थता की कोशिश कर रहा है। ट्रम्प ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि अगर रूस शांति समझौते पर सहमत नहीं हुआ, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। बेसेंट ने भारत के साथ व्यापार वार्ता में आए गतिरोध पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि भारत का रुख काफी अड़ियल रहा है। इस महीने की शुरुआत में यह चर्चा तब ठप हो गई थी जब ट्रम्प ने रूस से भारत के व्यापार और अन्य मतभेदों पर आगे बढ़ने से इनकार कर दिया था। फिलहाल भारत के आयात पर अमेरिका का 25% टैरिफ लागू है, लेकिन रूस से तेल और हथियार खरीद को लेकर 25% अतिरिक्त शुल्क 27 अगस्त से लगने वाला है, जिससे कुल टैरिफ 50% तक पहुंच जाएगा। 15 अगस्त को ट्रम्प और पुतिन अलास्का में मिलेंगे, जो दोनों नेताओं की अमेरिका में पहली प्रत्यक्ष मुलाकात होगी। रूस ने पहले बैठक के लिए यूएई का सुझाव दिया था, लेकिन अंततः ट्रम्प ने अलास्का को चुना। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि 25 अगस्त को भारत में एक दौर की वार्ता फिर से शुरू हो सकती है, ताकि 50% टैरिफ लागू होने से पहले कोई समाधान निकाला जा सके।
व्यापार वार्ता में अमेरिकी डेयरी उत्पादों के भारत में प्रवेश का मुद्दा भी बड़ा अवरोध बना हुआ है। अमेरिका चाहता है कि उसका दूध, पनीर और घी भारत में आयात किया जाए, जबकि भारत को आशंका है कि इससे करोड़ों छोटे किसानों को नुकसान पहुंचेगा। साथ ही धार्मिक कारणों से भी आपत्ति है, क्योंकि अमेरिका में गायों को दिए जाने वाले आहार में जानवरों की हड्डियों से बने एंजाइम का इस्तेमाल होता है, जिसे भारत ‘मांसाहारी दूध’ मानता है। ट्रम्प पहले ही भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने के एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर हस्ताक्षर कर चुके हैं, जो 27 अगस्त से लागू होगा। यह कदम रूस से तेल की खरीद को कारण बताते हुए उठाया गया है। इससे पहले 30 जुलाई को भी भारत पर 25% टैरिफ लगाया गया था। अब भारत भी चुनिंदा अमेरिकी उत्पादों पर 50% तक टैरिफ लगाने की तैयारी कर रहा है, जो ट्रम्प के टैरिफ के खिलाफ उसका पहला औपचारिक जवाब हो सकता है।