पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत का गुस्सा सातवें आसमान पर है। इस हमले ने पूरे देश में आक्रोश की लहर दौड़ा दी है। भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए ऐतिहासिक 'सिंधु जल संधि' को सस्पेंड कर दिया है। सरकार ने साफ ऐलान किया है कि अब पाकिस्तान को एक बूंद पानी भी नहीं मिलेगा। इस कड़े फैसले के बाद पाकिस्तान की बौखलाहट और बढ़ गई है। पाकिस्तानी नेता और मंत्री अब लगातार भारत को धमकियां दे रहे हैं और युद्ध तक की गीदड़ भभकियां देने लगे हैं।
इसी कड़ी में पाकिस्तान के रेल मंत्री हनीफ अब्बासी ने भी भारत के खिलाफ भड़काऊ बयान दिया है। रावलपिंडी में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अब्बासी ने कहा कि अगर भारत ने पाकिस्तान का पानी रोका, तो भारत को जंग के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान इस कार्रवाई का करारा जवाब देगा और चुप नहीं बैठेगा। अब्बासी के इस बयान ने दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ा दिया है।
हनीफ अब्बासी की परमाणु हमले की धमकी
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंत्री हनीफ अब्बासी ने भारत को धमकाते हुए कहा, "अगर भारत ने हमारे पानी को रोका तो जंग होगी। पाकिस्तान पूरी तरह से तैयार है। गौरी, शाहीन और गजनवी जैसे मिसाइल सिस्टम सिर्फ सजावट के लिए नहीं बनाए गए हैं। पाकिस्तान के पास 130 परमाणु बम हैं और उनका निशाना भारत की ओर है।"
अब्बासी ने आगे कहा कि पाकिस्तान ने अपने परमाणु हथियारों को कई जगहों पर लॉन्च करने की व्यवस्था कर रखी है, और पूरी दुनिया इस बात को जानती है। उन्होंने चेतावनी दी कि भारत ने अगर इस बार पाकिस्तान की सीमा पार करने की कोशिश की तो उसे गंभीर नतीजे भुगतने पड़ेंगे। उन्होंने दावा किया कि भारत ने पहले भी पाकिस्तान पर हमले की कोशिशें की थीं लेकिन परमाणु हमले के डर से पीछे हट गया था। अब्बासी के इस बयान ने एक बार फिर दुनिया का ध्यान भारत-पाक संबंधों पर केंद्रित कर दिया है।
कौन हैं हनीफ अब्बासी?
हनीफ अब्बासी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) यानी PML(N) के वरिष्ठ नेता हैं। वे वर्तमान में शहबाज शरीफ सरकार में रेल मंत्री का पद संभाल रहे हैं। 29 फरवरी 2024 को उन्हें रेल मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। हालांकि, हनीफ अब्बासी का राजनीतिक सफर विवादों से भी भरा रहा है।
साल 2018 में हनीफ अब्बासी का नाम नशीले पदार्थों की तस्करी से जुड़े एक बड़े मामले में सामने आया था। 'इफेड्रिन कोटा केस' में फंसे अब्बासी को मादक पदार्थ निरोधक बल (ANF) ने गिरफ्तार किया था। इस मामले में कोर्ट ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। परिणामस्वरूप वे 2018 के आम चुनावों में हिस्सा नहीं ले सके थे।
हालांकि, 11 अप्रैल 2019 को लाहौर हाईकोर्ट की जस्टिस आलिया नीलम की पीठ ने उनकी सजा को निलंबित कर दिया और मामले में अन्य आरोपियों को भी बरी कर दिया गया। इसके बाद से अब्बासी ने राजनीति में फिर से सक्रिय भूमिका निभानी शुरू कर दी थी और अब वे पाकिस्तान के रेल मंत्री के तौर पर कार्यरत हैं।
भारत का कड़ा संदेश
भारत का सिंधु जल संधि को सस्पेंड करना कोई साधारण कदम नहीं है। यह न केवल पाकिस्तान के खिलाफ एक बड़ा रणनीतिक कदम है, बल्कि दुनिया को भी यह दिखाता है कि भारत अब आतंकवाद को लेकर किसी भी तरह की नरमी बरतने के मूड में नहीं है। भारत ने साफ कर दिया है कि अब बातों का नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई का समय आ गया है।
अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में भारत और पाकिस्तान के बीच हालात किस दिशा में बढ़ते हैं। फिलहाल तो दोनों देशों के बीच तनाव अपने चरम पर है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी इस स्थिति पर नजर बनाए हुए है।