चीन अपने 10वें अंतरिक्ष दिवस के मौके पर एक और बड़ी छलांग लगाने जा रहा है। गुरुवार को चीन अपने अंतरिक्ष स्टेशन पर शेनझोउ-20 मिशन के तहत तीन नए अंतरिक्ष यात्रियों को भेजेगा। ये यात्री वहां पहले से मौजूद दल की जगह लेंगे, जो पिछले छह महीनों से वहां कार्यरत हैं।
इस मिशन की जानकारी चीनी मानवयुक्त अंतरिक्ष एजेंसी (CMSA) के प्रवक्ता लिन जिकियांग ने बुधवार को दी। उन्होंने बताया कि यह मिशन चीन के मानवयुक्त अंतरिक्ष कार्यक्रम का 35वां उड़ान मिशन होगा।
जानिए कौन हैं शेनझोउ-20 के यात्री
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, इस मिशन के अंतरिक्ष यान में तीन अंतरिक्ष यात्री सवार होंगे:
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चेन डोंग – मिशन कमांडर
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चेन झोंगरुई
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वांग जी
चेन डोंग को कमांडर की जिम्मेदारी दी गई है, जो इससे पहले भी अंतरिक्ष मिशनों में हिस्सा ले चुके हैं।
विज्ञान के क्षेत्र में होंगे खास प्रयोग
प्रवक्ता लिन ने बताया कि यह मिशन न सिर्फ मानवयुक्त बदलाव है, बल्कि इसके जरिए अंतरिक्ष विज्ञान में कई अनूठे प्रयोग भी किए जाएंगे। चालक दल:
से जुड़े प्रयोग करेगा। ये प्रयोग अंतरिक्ष में जीवन की अनुकूलता और जैविक प्रक्रियाओं को समझने की दिशा में अहम कदम हैं।
चीन का अंतरिक्ष दिवस और उसकी अहमियत
24 अप्रैल, 1970 को चीन ने अपना पहला उपग्रह डोंगफैंगहोंग-1 सफलतापूर्वक लॉन्च किया था। इसी ऐतिहासिक उपलब्धि की याद में साल 2016 से चीन 24 अप्रैल को अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाता है। इस मौके पर हर साल नए अंतरिक्ष अभियानों की शुरुआत और तकनीकी विकास की घोषणाएं की जाती हैं।
चीन का खुद का अंतरिक्ष स्टेशन
आज जब विश्व के कई देश अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर निर्भर हैं, चीन ने अपना स्वतंत्र अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित कर लिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इसे ISS से अलग इसीलिए किया गया क्योंकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चीन के अंतरिक्ष कार्यक्रम के सेना से जुड़े होने पर आपत्ति थी। चीन का यह स्टेशन अब विश्व का एकमात्र स्वदेशी रूप से संचालित मानवयुक्त अंतरिक्ष स्टेशन है।
अक्टूबर में होगी वापसी
शेनझोउ-20 मिशन का दल अक्टूबर के अंत में उत्तर चीन के डोंगफेंग लैंडिंग साइट पर वापस लौटेगा। तब तक ये तीनों यात्री स्टेशन पर अनुसंधान, प्रौद्योगिकी परीक्षण और विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोगों में जुटे रहेंगे।
चीन के यह कदम न केवल उसकी वैज्ञानिक प्रगति का प्रतीक है, बल्कि यह वैश्विक अंतरिक्ष दौड़ में उसकी बढ़ती महत्त्वाकांक्षा को भी दर्शाता है। जैसे-जैसे अंतरिक्ष विज्ञान नए मुकाम छू रहा है, चीन का यह मिशन भविष्य की तकनीक और अनुसंधान के लिए एक अहम अध्याय साबित हो सकता है।