म्यांमार की धरती एक बार फिर भूकंप के झटकों से हिल गई। शुक्रवार रात म्यांमार के कई इलाकों में महसूस हुए भूकंप के झटकों से लोग घबराए और अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए। यह घटना म्यांमार के लिए एक नई चेतावनी है, क्योंकि हाल ही में मार्च महीने में भी भूकंप के भारी झटके आए थे, जिससे हजारों लोगों की जानें गई थीं।
पहला भूकंप – 3.6 की तीव्रता
नेशनल सेंटर फॉर सिस्मॉलॉजी (NCS) के अनुसार, म्यांमार में शुक्रवार रात दो भूकंप के झटके आए। पहला झटका 11 बजकर 4 मिनट, 6 सेकेंड पर आया। इस दौरान भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.6 मापी गई। भूकंप का केंद्र अक्षांश: 19.29 उत्तर और देशांतर: 96.34 पूर्व पर स्थित था, और यह धरती से 10 किलोमीटर की गहराई पर था। इस भूकंप के दौरान स्थानीय लोगों ने हलके झटके महसूस किए, लेकिन फिलहाल किसी तरह के बड़े नुकसान या हताहत की खबरें नहीं आई हैं।
दूसरे भूकंप का केंद्र 30 किलोमीटर गहराई पर
वहीं, दूसरा भूकंप उसी रात 11 बजकर 31 मिनट, 23 सेकेंड पर आया। NCS के अनुसार, इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.7 आंकी गई। इसका केंद्र अक्षांश: 20.51 उत्तर और देशांतर: 96.12 पूर्व पर था, जो धरती से 30 किलोमीटर नीचे स्थित था। इस बार भूकंप के झटके पहले की तुलना में अधिक महसूस किए गए, और स्थानीय लोग डरकर अपने घरों से बाहर आ गए। हालांकि, इस भूकंप के बाद भी फिलहाल किसी प्रकार के बड़े नुकसान या जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं आई है।
मार्च में आए भूकंप ने मचाया था तांडव
म्यांमार में शुक्रवार को महसूस हुए भूकंप के झटके पिछले महीनों में आई भूकंप की घटना की याद दिलाते हैं। 28 मार्च 2025 को म्यांमार में एक भीषण भूकंप आया था, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.7 मापी गई थी। इस भूकंप ने म्यांमार में भारी तबाही मचाई थी। भूकंप से म्यांमार के कई इलाकों में बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ था, और हजारों लोग मारे गए थे।
म्यांमार की सैन्य सरकार के अनुसार, मार्च में आए भूकंप में अब तक 2,056 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 3,900 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इसके अलावा, 270 लोग अब भी लापता हैं, जो कि मलबे में दबे हो सकते हैं। भूकंप के बाद दर्जनों इमारतें और घर ध्वस्त हो गए, और बुनियादी ढांचे को गंभीर नुकसान हुआ। इस भूकंप ने म्यांमार की राजधानी नायपीडॉ समेत कई अन्य शहरों और गांवों को प्रभावित किया था।
भूकंप के बाद राहत कार्य और चुनौतियां
मार्च के भूकंप के बाद, राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए म्यांमार की सरकार और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों ने मिलकर काम किया। लेकिन म्यांमार में सैन्य शासन होने के कारण कई राहत कार्यों में दिक्कतें आईं। इसके बावजूद, संयुक्त राष्ट्र, अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस और अन्य राहत संगठनों ने प्रभावित क्षेत्रों में मदद भेजी और पीड़ितों के लिए चिकित्सा सहायता प्रदान की।
भूकंप से प्रभावित क्षेत्र और म्यांमार की भौगोलिक स्थिति
म्यांमार, जो दक्षिण-पूर्व एशिया में स्थित है, भूकंप की दृष्टि से एक संवेदनशील क्षेत्र है। यहाँ का भू-भाग हिमालयी पहाड़ों के समीप होने के कारण यह भूकंप के झटकों का सामना करता है। विशेष रूप से, सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से कमजोर क्षेत्रों में भूकंप के कारण नुकसान अधिक होता है। म्यांमार में आमतौर पर भूकंप की गतिविधि उन क्षेत्रों में अधिक देखी जाती है जो साइकालोनिक जोन में आते हैं।
भविष्य में और खतरे की आशंका
हालाँकि म्यांमार में शुक्रवार को आए भूकंप से अभी तक कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की भूकंपीय गतिविधियां भविष्य में भी जारी रह सकती हैं। खासकर, मार्च में आए बड़े भूकंप के बाद, भूकंपीय सक्रियता में और वृद्धि हो सकती है। इससे बचाव के उपायों और अधिकारियों की सतर्कता की आवश्यकता बढ़ गई है।
निष्कर्ष
म्यांमार में शुक्रवार रात आए भूकंप के झटके ने एक बार फिर इस देश की भूकंपीय संवेदनशीलता को उजागर किया। मार्च में आए भूकंप के बाद हुए विनाश के मद्देनजर, सरकार और राहत संगठनों को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। आशा की जा रही है कि भविष्य में भूकंप के प्रकोप से बचाव के लिए और प्रभावी कदम उठाए जाएंगे ताकि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।