नागपुर (महाराष्ट्र): महाराष्ट्र के नागपुर में हाल ही में भड़की हिंसा के बाद अब पुलिस और साइबर सेल की जांच में चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। नागपुर पुलिस ने हिंसा के पीछे विदेशी साजिश की आशंका जताई है। साइबर सेल द्वारा की गई गहन पड़ताल में यह सामने आया है कि नागपुर में भड़की हिंसा को उकसाने और फैलाने में बांग्लादेश से संचालित एक फेसबुक अकाउंट का अहम रोल रहा है।
बांग्लादेश से संचालित हो रहा था फेसबुक अकाउंट
पुलिस के मुताबिक, नागपुर हिंसा से एक दिन पहले बांग्लादेश से एक फेसबुक पोस्ट किया गया था। इस पोस्ट में नागपुर में हुए दंगों को केवल एक 'झांकी' बताते हुए भविष्य में और बड़े दंगे भड़काने की धमकी दी गई थी। साइबर सेल के अधिकारियों ने बताया कि यह पोस्ट बांग्लादेशी नागरिक द्वारा किया गया और उसका लोकेशन भी ट्रेस कर लिया गया है। फेसबुक से संपर्क कर उस अकाउंट को ब्लॉक करने का अनुरोध किया गया है। साथ ही, इस अकाउंट को कौन चला रहा था, इसका पता लगाने के लिए इंटरपोल की मदद ली जा सकती है।
सोशल मीडिया बना अफवाहों का अड्डा
नागपुर में हुई हिंसा के बाद सोशल मीडिया पर अफवाहों और नफरत फैलाने वाली पोस्ट की बाढ़ आ गई। दो दिन के भीतर ही साइबर सेल को 97 ऐसे पोस्ट मिले, जिनमें दंगों में मौतों और घायल लोगों के बारे में गलत जानकारी फैलाई जा रही थी। कई पोस्ट में दावा किया गया कि अस्पताल में भर्ती दो घायलों की मौत हो चुकी है, जबकि पुलिस और अस्पताल प्रशासन ने इस खबर को पूरी तरह से खारिज कर दिया। सोशल मीडिया पर फैल रही इन अफवाहों ने स्थिति को और तनावपूर्ण बना दिया।
जनता से की गई शांति बनाए रखने की अपील
साइबर सेल और नागपुर पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी अपुष्ट या झूठी जानकारी पर यकीन न करें। अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। नागपुर शहर पुलिस आयुक्त ने कहा, "सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही भ्रामक जानकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जनता से अनुरोध है कि शांति बनाए रखें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी पुलिस को दें।"
18 एसआईटी टीमों का गठन, 90 लोग गिरफ्तार
हिंसा में शामिल लोगों की पहचान करने के लिए नागपुर पुलिस ने 18 विशेष जांच दल (एसआईटी) बनाए हैं। अब तक 200 लोगों की पहचान हो चुकी है और 90 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस ने 1,000 संदिग्धों की पहचान करने का भी दावा किया है, जो दंगे के दौरान सीसीटीवी फुटेज और अन्य तकनीकी सबूतों के जरिए चिन्हित किए गए हैं। पुलिस ने कहा कि जल्द ही और गिरफ्तारियां की जाएंगी और हिंसा फैलाने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।