मुंबई, 10 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के मुद्दे पर केंद्र के अध्यादेश को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। शुरुआत में बेंच ने कहा कि कोर्ट किसी कानून पर रोक नहीं लगा सकती। आप सरकार की ओर से कोर्ट में पेश हुए सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, कोर्ट ने कई मामलों में कानूनों पर रोक लगाई है। इस मामले में केंद्र ने अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का न सिर्फ उल्लंघन किया है बल्कि चुनी हुई सरकार की भूमिका को कम कर दिया है। इसके बाद कोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी किया। बेंच ने दिल्ली सरकार से अपनी याचिका में संशोधन करने और मामले में उपराज्यपाल को भी पार्टी बनाने का निर्देश दिया है। CJI डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पी एस नरसिम्हा की बेंच मामले को सुन रही है। अगली सुनवाई 17 जुलाई को होगी।
दरअसल, केंद्र सरकार ने 19 मई को अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग पर अध्यादेश जारी किया था। अध्यादेश में उसने सुप्रीम कोर्ट के 11 मई के उस फैसले को पलट दिया, जिसमें ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार को मिला था। अध्यादेश के मुताबिक, दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का आखिरी फैसला उपराज्यपाल यानी LG का होगा। इसमें मुख्यमंत्री का कोई अधिकार नहीं होगा। केजरीवाल सरकार ने 30 जून को कोर्ट में याचिका दाखिल कर केंद्र के अध्यादेश को चुनौती दी थी।