मुंबई, 30 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। बेंगलुरु में एक निवेश योजना की आड़ में देशभर में हजारों लोगों से 854 करोड़ रुपए ठगने के आरोप में 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने बताया कि ठगी की कुल रकम में से 5 करोड़ रुपए जब्त कर लिए गए हैं। गिरोह के पास से लैपटॉप, मोबाइल फोन, प्रिंटर और स्वाइपिंग मशीन जैसी कई डिवाइस बरामद की गई हैं। जांच में पता चला है कि देशभर में साइबर निवेश धोखाधड़ी के ऐसे 5,013 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से अकेले बेंगलुरु शहर में 17 मामले दर्ज किए गए। बेंगलुरु में 49 लाख रुपए ठगे गए हैं। वहीं, पुलिस के मुताबिक, गिरोह ने पीड़ितों को वॉट्सऐप और टेलीग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के जरिए अपने जाल में फंसाया। शुरुआत में उन्हें यह कहकर एक हजार रुपए से 10 हजार रुपए का निवेश करें तो उन्हें हर दिन 1,000 रुपए से 5,000 रुपए का मुनाफा होगा। आरोपियों ने निवेश पर ज्यादा रिटर्न देने का वादा किया। लोगों का भरोसा जीतने के बाद लोगों से बड़ी राशि जमा कराना शुरू कर दी। हजारों पीड़ितों ने एक लाख से लेकर 10 लाख या उससे ज्यादा की राशि इन्वेस्ट की।
तो वहीं, पुलिस ने बताया कि पीड़ितों ने निवेश किया गया पैसा ऑनलाइन पेमेंट के जरिए विभिन्न बैंक खातों में भेजा। निवेश प्रक्रिया पूरी होने के बाद जब पीड़ित पैसा निकालने की कोशिश करते तो उन्हें कभी वापस पैसा नहीं मिलता। आरोपियों ने ना तो इंटरेस्ट और ना ही जमा किया पैसा पीड़ितों को दिया। पैसा मिलने के बाद आरोपी मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े खातों में भेज देते। उन्होंने बताया कि कुल 854 करोड़ रुपए की राशि विभिन्न राज्यों में खुलवाए गए 84 बैंक खातों में जमा कराई गई। इनमें से कुछ खाते फर्जी पते और पहचान का इस्तेमाल करके खोले गए थे। उन्होंने कुछ लोगों के सही बैंक खातों का भी इस्तेमाल किया और इसके लिए उन्हें कमीशन भी दिया। यह पैसा क्रिप्टो करेंसी (बाइनेंस), पेमेंट गेटवे, गेमिंग ऐप के जरिए विभिन्न ऑनलाइन पेमेंट गेटवे में भेजी गई।
बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर बी दयानंद ने कहा कि पहले भी सेंट्रल क्राइम ब्रांच (CCB) साइबर धोखाधड़ी मामले का पता लगाने में सफल रही है। अपराधियों ने कुछ लोगों को उनके निवेश किए पैसे पर ज्यादा इंटरेस्ट का लालच देकर फांस लिया। पुलिस ने बताया कि आरोपी मनोज, पनींद्र, चक्रधर, श्रीनिवास, सोमशेखर और वसंत को गिरफ्तार कर लिया गया है। सभी बेंगलुरु के निवासी हैं। धोखाधड़ी के मास्टरमाइंड तीन अन्य आरोपियों की पहचान कर ली गई है और उन्हें पकड़ने की कोशिश की जा रही है। गिरफ्तार सभी 6 आरोपियों ने अलग-अलग भूमिका निभाई। 3 मुख्य आरोपी अभी भी पकड़ से बाहर हैं।पुलिस ने कहा कि CCB तीन महीने से मामले पर काम कर रही थी। तकनीकी निगरानी और अन्य महत्वपूर्ण सुरागों का पता लगाने के बाद पुलिस आरोपियों तक पहुंचने में कामयाब रही। पुलिस ने कहा कि उनमें से कुछ को वॉट्सऐप और टेलीग्राम के जरिए टारगेट की पहचान करने और उन तक पहुंचने का काम सौंपा गया था। जबकि अन्य का काम ठगी गई राशि को जमा करने और ट्रांसफर करने के लिए बैंक खातों की व्यवस्था करना था।