मुंबई, 21 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। नौसेना ने रक्षा मंत्रालय को INS-विक्रांत जैसा देश का दूसरा स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर-2 के निर्माण का प्रस्ताव दिया है। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, यह एयरक्राफ्ट INS-विक्रांत बनाने वाली केरल के कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL) से ही बनवाया जाएगा। 45 हजार टन के एयरक्राफ्ट कैरियर को बनाने में 40 हजार करोड़ से ज्यादा का खर्च आएगा। प्रस्ताव को पहले रक्षा खरीद बोर्ड, रक्षा अधिग्रहण परिषद और आखिर में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली सुरक्षा कैबिनेट समिति फाइनल करेगी।
आपको बता दें, भारतीय नौसेना ज्यादा ताकतवर और न्यूक्लियर ऑपरेटेड 65 हजार टन का जहाज चाहती थी, जो 30 से ज्यादा एयरक्राफ्ट ले जाने में सक्षम हो। लेकिन कम बजट ने छोटे और इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन IAC-2 को चुनने पर मजबूर कर दिया। सुरक्षा कैबिनेट कमेटी की मंजूरी मिलने और कॉन्ट्रैक्ट साइन होने के बाद कोचीन शिपयार्ड को IAC-2 बनाने में 8-10 साल लगेंगे। नौसेना को उम्मीद है कि तब तक DRDO का स्वदेशी ट्विन-इंजन डेक-बेस्ड फाइटर (TEDBF) भी ऑपरेशन के लिए तैयार हो जाएगा। चीन के पास अभी तीन एयरक्राफ्ट करियर लियाओनिंग, शेडोंग और फुजियान हैं। वह 2 और एयरक्राफ्ट कैरियर बना रहा है। इसलिए, हिंद महासागर में भारत की मजबूत पकड़ के लिए नौसेना तीन एयरक्राफ्ट कैरियर तैनात करना चाहती है।