मुंबई, 05 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने वर्चुअल मीटिंग की और UCC का विरोध करने का फैसला किया। बोर्ड ने लेटर जारी कर लोगों से विरोध करने की अपील की। वहीं, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शरियत कानून पर हमला बोला है। खान ने कहा कि UCC समय की मांग है। आप कानून बदल सकते हैं, लेकिन आदतें बहुत मुश्किल से बदलती हैं। कुछ लोगों की वोट बैंक के लिए धर्म का प्रदर्शन करने की आदत है। इसलिए उनसे किसी समझदारी की उम्मीद करना बेमानी होगी।
पीएम मोदी ने 2019 में ट्रिपल तलाक खत्म किया। तब से आज तक मुस्लिमों में ट्रिपल तलाक के मामलों में 95 प्रतिशत की कमी आई। फायदा उन महिलाओं को हुआ, जो तीन तलाक के बाद दर दर भटक रही थीं। इस कानून से उनकी जिंदगी बदल गई। खान ने यह भी कहा की, UCC लागू होने के बाद अगर दो महिलाएं समान परिस्थितियों में कोर्ट जाती हैं तो कोर्ट उनसे उनका धर्म नहीं पूछेगा, बल्कि समान रूप से न्याय करेगा। जिसे पाना हर नागरिक का हक है। यूनिफार्म सिविल कोड यही बात सुनिश्चित करेगा। तो वहीं, RSS के इंद्रेश कुमार ने कहा की विरोध से ज्यादा लोग इसके पक्ष में हैं। इसके लागू होने से धार्मिक संस्कार और छुआछूत खत्म हो जाएगी। महिलाओं पर अत्याचार खत्म होगा। लोग एकजुट होंगे और स्वतंत्र रूप से अपने धर्म का पालन कर सकेंगे।