मुंबई, 12 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। संसद के मानसून सत्र में पास हुए दिल्ली सर्विस बिल समेत 4 बिलों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार ने इनका गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया, जिसके बाद चारों बिल कानून बन गए। इन बिलों में गवर्नमेंट ऑफ नेशनल कैपिटल टैरिटरी ऑफ दिल्ली (अमेंडमेंट) एक्ट, डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल, द रजिस्ट्रेशन ऑफ बर्थ एंड डेथ बिल और जन विश्वास बिल शामिल हैं। आपको बता दें, अब डेटा प्रोटेक्शन बिल के प्रावधानों का उल्लंघन करने वालों पर न्यूनतम 50 करोड़ रुपए से लेकर अधिकतम 250 करोड़ रुपए तक का जुर्माना लगेगा। वहीं, दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार केंद्र को मिल जाएंगे।
नए कानून के तहत नेशनल कैपिटल सिविल सर्विसेज अथॉरिटी (NCCSA) बनाई गई है। इसके अध्यक्ष दिल्ली के मुख्यमंत्री होंगे। दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी और होम डिपार्टमेंट के प्रिसिंपल सेक्रेटरी इसके अन्य दो सदस्य होंगे। दिल्ली सरकार के अधिकारियों के अलावा बोर्डों आयोगों में नियुक्तियां और तबादले भी इसी अथॉरिटी की सिफारिश पर होंगे। किसी भी मामले पर फैसला बहुमत के हिसाब से होगा। यानी चीफ सेक्रेटरी और प्रिसिंपल सेक्रेटरी मिलकर दिल्ली के मुख्यमंत्री के फैसले को खारिज कर सकते हैं। आपको बता दें, दिल्ली सर्विस बिल लोकसभा में 3 अगस्त को पास हुआ था। इसे राज्यसभा में 9 अगस्त को पेश किया गया। वोटिंग में पक्ष में 131 और विपक्ष में 102 वोट पड़े और बिल पास हो गया।