मुंबई, 15 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने कहा है कि निपाह वायरस से मृत्यु दर 40 से 70 प्रतिशत है। यह कोरोना वायरस से होने वाली मृत्यु दर की तुलना में काफी ज्यादा है। कोरोना से मृत्यु दर 2 से 3% है। आईसीएमआर ने ये भी कहा कि केरल में निपाह वायरस क्यों फैलता है, इसकी वजह साफ नहीं है। इस बीच केरल में निपाह वायरस का एक और संक्रमित मरीज मिला है। इसको मिलाकर यहां कुल संक्रमित लोगों की संख्या 6 हो गई है। तो वहीं, केरल के पड़ोसी राज्य कर्नाटक में सरकार ने एक सर्कुलर जारी किया है। इसमें आम जनता को केरल के प्रभावित इलाकों में सफर करने से बचने की सलाह दी है। सर्कुलर में अधिकारियों को केरल की बॉर्डर से जुड़े जिले (कोडागु, दक्षिण कन्नड़, चामराजनगर और मैसूर) में निगरानी तेज करने के भी आदेश दिए गए हैं।
वहीं, ICMR के डीजी राजीव बहल के मुताबिक, हमारे पास केवल 10 मरीजों के लिए मोनोक्लोनल एंटीबॉडी डोज मौजूद हैं। हमारे शरीर में मौजूद एंटीबॉडी को जब लेबोरेटरी में बनाया जाता है, इसे मोनोक्लोनल एंडीबॉडी कहते हैं। ये कैंसर समेत कई बीमारियों के इलाज में मददगार होती है। बहल ने आगे बताया कि हमने मोनोक्लोनल एंटीबॉडी की 20 खुराक और मंगाई हैं, ताकि संक्रमण की शुरुआत में ही मरीजों को दिया जा सके। मोनोक्लोनल एंटीबॉडी के असर का परीक्षण नहीं किया गया है, केवल एक फेज का परीक्षण पूरा हुआ है।
आपको बता दें, राज्य के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक एक्टिव केस बढ़कर 4 हो गए हैं। केरल में अब तक निपाह के कुल 6 केस आ चुके हैं, जिसमें 2 लोगों की मौत हो चुकी है। साथ ही, केरल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि मरने वाले व्यक्ति को अभी कोझिकोड के अस्पताल में निगरानी में रखा गया है। राज्य सरकार ने संक्रमण फैलने से रोकने के लिए तैयारियां मजबूत कर ली हैं। कोझिकोड में संक्रमण मिलने वाली ग्राम पंचायतों को क्वारंटीन जोन घोषित कर दिया गया है। मरने वाले व्यक्तियों के संपर्क में आए हाई रिस्क वाले 15 लोगों के सैम्पल ले लिए गए हैं। स्वास्थ्य अधिकारी के अनुसार संक्रमित लोगों की कॉन्टैक्ट लिस्ट में 950 लोग शामिल हैं। इनमें से 213 लोग हाई रिस्क कैटेगरी के हैं। कॉन्टैक्ट लिस्ट में 287 स्वास्थ्य अधिकारी भी शामिल हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ भारती प्रवीण पवार ने बीते दिन पुणे में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद, राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (ICMR-NIV) का दौरा किया। उन्होंने निपाह वायरस को रोकने के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने वायरस से निपटने में राज्य की मदद करने के लिए डॉ. माला छाबड़ा की अगुआई मे एक टीम नियुक्त की है। केंद्र और ICMR-NIV ने ग्राउंड टेस्टिंग के लिए एक हाई लेवल टीम को कोझिकोड भेजा है। यह टीम बायोसेफ्टी लेवल 3 (BSL-3) वाली मोबाइल यूनिट के साथ भेजी गई है। वहीं, केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि राज्य सरकार ने ICMR से निपाह संक्रमण के इलाज के लिए जरूरी मोनोक्लोनल एंटीबॉडी मांगी थी जो 15 सितंबर को केरल पहुंच गई है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राजीव गांधी सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी (RGCB), तिरुवनंतपुरम की मोबाइल वायरोलॉजी टेस्टिंग लैब भी कोझिकोड भेजी गई है।