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क्या है किराना हिल्स? पाकिस्तान में मौजूद खास ठिकाना, भारत ने हमले पर साफ की तस्वीर

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Posted On:Tuesday, May 13, 2025

भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के किराना हिल्स एक बार फिर चर्चा में हैं। पाकिस्तान के इस न्यूक्लियर ठिकाने के बारे में कई सवाल उठ रहे हैं, खासकर भारतीय सेना के प्रमुख द्वारा यह बयान देने के बाद कि भारतीय सेना ने इस ठिकाने पर हमला नहीं किया है। इसके बावजूद, गूगल पर लोग इस ठिकाने के बारे में जानकारी ढूंढ रहे हैं और जानना चाहते हैं कि आखिरकार पाकिस्तान के परमाणु हथियारों का अड्डा किस प्रकार दिखता है।


किराना हिल्स का स्थान और उसका महत्व

किराना हिल्स पाकिस्तान के सरगोधा एयरबेस के पास स्थित एक महत्वपूर्ण स्थल है, जो लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर है। यह इलाका करीब 70 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और पाकिस्तान सरकार के नियंत्रण में है। इस क्षेत्र में अंडरग्राउंड फैसिलिटी स्थित है, जो किसी भी प्रकार के संकट से पूरी तरह सुरक्षित मानी जाती है। यह ठिकाना सड़क, रेल और एयर ट्रांसपोर्ट से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है, जो इसे अत्यधिक रणनीतिक महत्व प्रदान करता है।


अमेरिकी सैटेलाइट से पता चला किराना हिल्स का रहस्य

किराना हिल्स के न्यूक्लियर ठिकाने के बारे में पहली बार जानकारी तब सामने आई थी जब अमेरिकी सैटेलाइट ने 1990 के दशक में पाकिस्तान द्वारा किए जा रहे परमाणु परीक्षणों की तैयारियों को पकड़ा था। हालांकि, अमेरिका के ऐतराज के बाद इन परीक्षणों को रद्द कर दिया गया था, लेकिन इस घटना के बाद से यह इलाका संशय और सस्पेंस का केंद्र बन गया। कई जानकारों का मानना है कि पाकिस्तान ने अपने परमाणु हथियारों को किराना हिल्स में ही छुपाकर रखा हुआ है, जिससे यह क्षेत्र और भी अधिक महत्व प्राप्त करता है।


सरगोधा एयरबेस और TEL गैरेज की अफवाह

सरगोधा एयरबेस में TEL (Transporter Erector Launcher) गैरेज की अफवाह लंबे समय से फैली हुई है। यह अफवाह 1990 के दशक से ही अस्तित्व में है, जब पाकिस्तान ने चीन से M-11 मिसाइलें (DF-11 या CSS-7) प्राप्त की थीं। इन मिसाइलों का इस्तेमाल पाकिस्तान की गजनवी और शाहीन-1 शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइलों के रूप में किया जाता है। यह मिसाइलें पाकिस्तान की न्यूलियर डिटेरेंस क्षमता को मजबूत करती हैं और सरगोधा एयरबेस के आसपास स्थित इस ठिकाने को और भी रणनीतिक बना देती हैं।


किराना हिल्स के अंडरग्राउंड स्ट्रक्चर

Federation of American Scientists (FAS) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, किराना हिल्स और सरगोधा में कई अंडरग्राउंड स्ट्रक्चर हैं। यह क्षेत्र अब और भी मजबूत किया जा रहा है और यहां बुनियादी ढांचे का विस्तार किया जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, यहां दो बड़ी इमारतें भी हैं, जिनसे पूरे क्षेत्र पर नजर रखी जाती है। इन इमारतों से यह संभावना जताई जा रही है कि यहां मिसाइल हैंडलिंग हॉल हो सकते हैं, जो किसी भी प्रकार के हमले से सुरक्षा प्रदान करने के लिए बनाए गए हैं।

इसके अलावा, इस ठिकाने में कई सुरंगों का भी निर्माण चल रहा है। इन सुरंगों का उद्देश्य न केवल इस क्षेत्र को सुरक्षा प्रदान करना है, बल्कि पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को दूरदराज के स्थानों तक सुरक्षित तरीके से स्थानांतरित करने के लिए भी उपयोग किया जा सकता है।


किराना हिल्स का सामरिक महत्व

किराना हिल्स का सामरिक महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यह ठिकाना पाकिस्तान के परमाणु हथियारों के भंडारण के लिए एक प्रमुख स्थल बन चुका है। यह ठिकाना न केवल पाकिस्तान के सैन्य और रक्षा संरचना का हिस्सा है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से भी एक महत्वपूर्ण स्थान है। पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को इस ठिकाने में छुपाना उसे सुरक्षित रखने और रक्षा में मजबूती प्रदान करने की रणनीति का हिस्सा है।

इसके अलावा, किराना हिल्स की भौगोलिक स्थिति इसे किसी भी प्रकार के सैन्य हमले से बचाने में सहायक है। यह स्थान इतनी दूरस्थ और कठिन स्थिति में स्थित है कि किसी भी बाहरी शक्ति के लिए इस ठिकाने तक पहुंच बनाना आसान नहीं है।


भारत-पाकिस्तान रिश्तों पर असर

भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण संबंधों के कारण, पाकिस्तान के न्यूक्लियर ठिकाने हमेशा चर्चा का विषय रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर के बाद, भारत द्वारा पाकिस्तान के इस न्यूक्लियर ठिकाने के बारे में बयान जारी करने से दोनों देशों के बीच तनाव और भी बढ़ सकता है। पाकिस्तान ने हमेशा दावा किया है कि उसके परमाणु हथियार रक्षा के लिए हैं, जबकि भारत इन हथियारों के प्रति अपनी चिंता और सुरक्षा उपायों को स्पष्ट करता रहा है।


निष्कर्ष

किराना हिल्स पाकिस्तान का एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील न्यूक्लियर ठिकाना है, जो सरगोधा एयरबेस के पास स्थित है। इस ठिकाने में कई अंडरग्राउंड संरचनाएं और सुरंगें मौजूद हैं, जो इसे सुरक्षा की दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण बनाती हैं। यह इलाका न केवल पाकिस्तान के परमाणु हथियारों का अड्डा है, बल्कि भारत और पाकिस्तान के रिश्तों पर भी गहरा असर डालता है। आने वाले समय में इस क्षेत्र की स्थिति अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो सकती है।


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