मालदीव की मुख्य विपक्षी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) देश के चीन समर्थक और भारत विरोधी राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग लाने की तैयारी में है। विपक्ष के इस कदम के पीछे की वजह चीन से जुड़ी हुई है. दरअसल, मालदीव सरकार ने एक चीनी जासूसी जहाज को माले में रुकने की इजाजत दी थी। इसे लेकर विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति मुइज्जू पर उनके चीन समर्थक रुख को लेकर निशाना साधा है। पिछले रविवार को देश की संसद में सांसदों के बीच जमकर मारपीट हुई थी, जिसके बाद एमडीपी ने यह फैसला लिया है. एमडीपी के पास संसद में बहुमत है और उसने महाभियोग दाखिल करने के लिए हस्ताक्षर जुटाना शुरू कर दिया है।
राष्ट्रपति रहते हुए भारत विरोधी अभियान चलता रहा
कट्टर भारत विरोधी रुख के साथ सत्ता में आए राष्ट्रपति मुइज्जू को पिछले कुछ हफ्तों से विरोध का सामना करना पड़ रहा है। इसकी एक बड़ी वजह भारत के साथ कूटनीतिक तनाव भी शामिल है. मुइज्जू ने भारत से मालदीव में मौजूद अपने सैनिकों को वापस बुलाने के लिए भी कहा है। उन्होंने बमुश्किल 80 भारतीय सैनिकों को मालदीव की सुरक्षा के लिए खतरा बताया है.
मुइज्जू की नीति भविष्य के लिए गलत है
इतिहास पर नजर डालें तो भारत और मालदीव के रिश्ते अच्छे रहे हैं. दोनों एक दूसरे का समर्थन करते रहे हैं. लेकिन भारत के प्रति नीति में अचानक आया यह बदलाव विपक्ष के गले नहीं उतर रहा है. एमडीपी का दावा है कि मुइज्जू सरकार द्वारा किया गया यह बदलाव देश के भविष्य के लिए बेहद हानिकारक है. मुइज्जू ने इंडिया आउट नारे के साथ चुनाव भी लड़ा था.