प्रयागराज न्यूज डेस्क: प्रयागराज में जलसंकट: गंगा-यमुना के बीच भी सूखे हालात
गंगा और यमुना जैसी नदियों के संगम पर बसा प्रयागराज इन दिनों गंभीर जलसंकट से जूझ रहा है। कुंभ जैसे आयोजनों में करोड़ों श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाकर पुण्य कमाते हैं, लेकिन इसी संगम के आसपास बसे मोहल्लों में लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं। लगातार जलस्तर गिरने के चलते कई इलाकों में पानी की आपूर्ति बाधित हो रही है। नलकूप विभाग हालात सुधारने के लिए बड़े पंप लगवाने की तैयारी कर रहा है ताकि ट्यूबवेल से पानी खींचा जा सके। मीरापुर, कीडगंज, छोटा बागड़ा और आलापुर जैसे मोहल्लों में लोग पानी के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं।
जलस्तर गिरने से बिगड़े हालात, लोग परेशान
जवाहर गंज दरिया मोहल्ले में हालात बेहद खराब हैं। जलस्तर इतना नीचे चला गया है कि वाटर सप्लाई का शेड्यूल बुरी तरह प्रभावित हुआ है। पूर्व पार्षद नितिन यादव ने बताया कि करीब 15 हजार की आबादी वाले इस इलाके में हफ्ते में बस एक-दो घंटे ही पानी मिल पाता है। कई जगह पाइपलाइन खराब होने से सप्लाई पूरी तरह ठप है। उनका मानना है कि नगर निगम यदि यहां एक नया बड़ा नलकूप लगवा दे, तो संकट काफी हद तक कम हो सकता है। वहीं बक्शी बांध के पास बना वॉटर टैंक भी हालात सुधारने में नाकाम साबित हो रहा है।
परीक्षा के मौसम में छात्र बेहाल
जल संकट का सबसे बड़ा असर उन छात्रों पर पड़ा है जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटे हैं। पवन कुमार जैसे छात्रों का कहना है कि सुबह की दिनचर्या भी तभी शुरू होती है जब किसी तरह से पानी का इंतजाम हो जाए। कई बार इधर-उधर से पानी मांगना पड़ता है या फिर पंप की मोटर बार-बार चेक करनी पड़ती है कि पानी आया या नहीं। यह कोई एक दिन की बात नहीं है, बल्कि पिछले कई दिनों से यही स्थिति बनी हुई है।
महिलाएं और परिवार भी परेशान, पाइप लगाकर लाते हैं पानी
घरेलू महिलाओं की परेशानी भी कम नहीं है। अनीता शर्मा बताती हैं कि उनके घर एक हफ्ते से पानी नहीं आया। ऐसे में उन्हें पड़ोसी के घर से 200 मीटर लंबी पाइप लगाकर पानी लाना पड़ता है। इससे रात की नींद भी पूरी नहीं हो पाती। छोटे बच्चों और छात्रों के लिए यह स्थिति और भी मुश्किल भरी हो गई है। जब गंगा-यमुना के बीच बसे शहर में ही ऐसी हालत है, तो बाकी जगहों का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है।