भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि विश्व के कई प्रमुख देशों में भी गर्व से फहराया गया। यह न केवल भारतीयों के लिए गौरव का पल था, बल्कि भारत की ताकत और एकता का प्रतीक भी था, जो विदेशों में बसे भारतीयों ने बड़े उत्साह और सम्मान के साथ मनाया। अमेरिका और यूएई जैसे पॉवरफुल देशों के प्रतिष्ठित स्थलों ने भी इस मौके पर भारतीय तिरंगे को अपनी ऊंचाइयों पर जगह दी, जिससे भारत की शान और बढ़ गई।
अमेरिका के सिएटल में स्पेस नीडल पर फहरा तिरंगा
अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन के सिएटल शहर में स्थित ऐतिहासिक स्पेस नीडल पर 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर तिरंगा लहराया गया। यह स्पेस नीडल 605 फीट (184 मीटर) ऊंचा एक अवलोकन टावर है, जो सिएटल सेंटर में बना हुआ है। इसका निर्माण 1962 में हुआ था, जब सिएटल में वर्ल्ड मेला आयोजित किया गया था। उस मेले में लगभग 23 लाख से अधिक पर्यटक शामिल हुए थे, जिसके लिए यह टावर बनाया गया था ताकि मेला क्षेत्र की निगरानी की जा सके।
स्पेस नीडल को बाद में ऐतिहासिक स्थल घोषित किया गया। इसकी संरचना बेहद मजबूत है और यह 200 मील प्रति घंटे (320 किमी/घंटा) की तेज हवा और 9.0 तीव्रता तक के भूकंपों को भी सहन कर सकता है। इसके डिज़ाइन और मजबूती ने इसे सिएटल का एक प्रमुख प्रतीक बना दिया है। स्वतंत्रता दिवस पर इस टॉवर पर तिरंगा फहराने का मतलब था भारत के स्वतंत्रता दिवस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान मिलना।
दुबई के बुर्ज खलीफा पर तिरंगा का जलवा
दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा को भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारतीय तिरंगे के केसरिया, सफेद और हरे रंगों से जगमगाया गया। यह आयोजन दुबई में भारतीय प्रवासियों और स्थानीय लोगों के लिए गर्व का क्षण था। बुर्ज खलीफा की रोशनी में भारत माता के जय-जयकार के नारे भी गूंजे, जो इस आयोजन की खासियत थे। भारतीय दूतावास ने इस आयोजन का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कर इस खुशी को और भी व्यापक बनाया।
यह आयोजन न केवल भारत की सांस्कृतिक एकता और ताकत को दर्शाता है, बल्कि दुनिया में भारत की बढ़ती वैश्विक छवि और प्रभाव को भी स्पष्ट करता है। बुर्ज खलीफा जैसे प्रतिष्ठित स्थान पर तिरंगा फहराना भारतीयों की उपलब्धियों और उनके देश के प्रति लगाव का प्रतीक है।
तिरंगे की शान विदेशों में
भारत का तिरंगा विश्व के कई देशों में गर्व से फहराया गया। अमेरिका और दुबई जैसे पॉवरफुल देशों में यह दिखाता है कि भारतीयों ने जहां भी कदम रखा है, वे वहां अपने देश की पहचान को बुलंद करने में पीछे नहीं रहे। विदेशों में बसे भारतीय समुदाय ने भी अपने स्वतंत्रता दिवस को धूमधाम से मनाया, जिससे भारतीय संस्कृति और राष्ट्रीय भावना की व्यापकता का पता चलता है।
स्पेस नीडल के बारे में विशेष जानकारी
स्पेस नीडल अमेरिका के सिएटल शहर में स्थित एक अवलोकन टावर है। यह टॉवर 605 फीट ऊंचा है, जिसकी चौड़ाई लगभग 138 फीट है। इसका कुल वजन लगभग 9,550 शॉर्ट टन (8,660 मीट्रिक टन) है। यह टावर इतना मजबूत है कि यह 320 किमी/घंटा की हवा और 9 तीव्रता तक के भूकंप का सामना कर सकता है।
स्पेस नीडल का निर्माण 1962 में किया गया था, जब वहां वर्ल्ड मेला आयोजित हुआ था। यह टॉवर आज भी सिएटल का एक प्रमुख आकर्षण है, जहां पर्यटक शहर और आसपास के प्राकृतिक दृश्यों का आनंद लेने आते हैं। इस बार, स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इस टॉवर पर तिरंगा फहराना भारतीय समुदाय के लिए गर्व का विषय रहा।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का बढ़ता प्रभाव
भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर विदेशी देशों के प्रतिष्ठित स्थलों पर तिरंगा फहराना केवल एक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि भारत के बढ़ते राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक प्रभाव का परिचायक भी है। यह दर्शाता है कि भारत अब सिर्फ एक विकासशील देश नहीं, बल्कि एक वैश्विक शक्ति के रूप में भी उभर रहा है।
अमेरिका जैसे देश में स्पेस नीडल पर तिरंगा फहराना और दुबई जैसे व्यापारिक हब में बुर्ज खलीफा पर तिरंगे की चमक, दोनों ही यह संदेश देते हैं कि भारत का प्रभाव विश्व के बड़े देशों और शहरों में भी मजबूती से बना हुआ है।
भारतीयों के लिए गर्व का पल
विदेशों में रहने वाले भारतीयों के लिए यह पल गर्व से भरा था। अपनी मातृभूमि के स्वतंत्रता दिवस को विदेशी धरती पर सम्मानित देखना उनके लिए भावुक करने वाला अनुभव था। इस अवसर पर भारतीय दूतावासों और सामाजिक संगठनों ने विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए, जिनमें तिरंगा फहराना, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, और देशभक्ति के गीत शामिल थे।
निष्कर्ष
भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस पर विदेशों में तिरंगा फहराना न केवल भारत की एकता और संप्रभुता का जश्न था, बल्कि यह विश्व में भारत की बढ़ती स्थिति और प्रभाव का प्रतीक भी था। अमेरिका के सिएटल में स्पेस नीडल पर तिरंगा फहराना और दुबई के बुर्ज खलीफा को तिरंगे के रंगों से सजाना इस बात का जीवंत उदाहरण है कि भारत अब विश्व पटल पर एक महाशक्ति के रूप में अपनी छवि स्थापित कर रहा है।
इससे न केवल भारतवासियों को गर्व महसूस हुआ, बल्कि विश्व समुदाय के समक्ष भी भारत की प्रगति और सामरिक महत्व का संदेश गया। यह पर्व हर भारतीय के दिल में देशभक्ति की भावना को और अधिक मजबूत करता है और हमें याद दिलाता है कि भारत की असली ताकत उसकी एकता और सांस्कृतिक विरासत में है।