प्रयागराज न्यूज डेस्क: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में महाकुंभ की तैयारियां अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं, और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को तीसरी बार मौके का दौरा किया। सीएम ने अधिकारियों से कहा कि आगामी एक सप्ताह में सभी तैयारियां पूरी की जाएं और युद्धस्तर पर काम किया जाए। उन्होंने बताया कि महाकुंभ के लिए 20,000 से अधिक संतों और संगठनों को भूमि आवंटन किया गया है, जिसमें 13 अखाड़े, दंडीवाड़ा, आचार्य वाड़ा और अन्य संगठनों को भी शामिल किया गया है। भूमि आवंटन का काम 5 जनवरी तक पूरा हो जाएगा।
सीएम योगी ने महाकुंभ की खासियतों के बारे में जानकारी दी कि इस बार पांटून ब्रिज की संख्या 30 तक पहुंच जाएगी, जिनमें से 20 पहले ही तैयार हो चुके हैं। मेला क्षेत्र में 250 साइनेजेस लग चुके हैं, जबकि पूरे शहर में 661 स्थानों पर साइनेजेस लगाए गए हैं। जल निगम और सिंचाई विभाग ने अविरल और निर्मल गंगा सुनिश्चित करने के लिए जल उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और बायोरेमेडिशन से जल शुद्धिकरण का कार्य भी जारी है।
सीएम ने यह भी बताया कि रिवर फ्रंट और घाट 30 दिसंबर तक तैयार हो जाएंगे। इसके अलावा, 400 केवीए के 85 सब स्टेशन में से 77 बन चुके हैं, और बिजली आपूर्ति के लिए अन्य कई सब स्टेशन भी तैयार हो चुके हैं। प्रयागराज में पहली बार श्रद्धालुओं को गंगा के रिवर फ्रंट और घाट का दृश्य देखने को मिलेगा। इसके साथ ही, 100 बेड का अस्थायी अस्पताल और 25 बेड के अस्पताल विभिन्न स्थानों पर बनाए जा रहे हैं।
कुंभ के दौरान, श्रद्धालुओं को प्रयागराज की झांकी देखने का अवसर मिलेगा, जिसमें अक्षय वट, हनुमान जी कॉरिडोर, महर्षि भारद्वाज कॉरिडोर समेत कई प्रमुख तीर्थ स्थलों का दर्शन होगा। इन स्थलों का सुंदरीकरण किया गया है और त्रिवेणी पुष्प के रूप में पूर्व राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी के सपने को साकार किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, 20,000 श्रद्धालुओं के लिए टेंट सिटी का निर्माण किया जा रहा है और वीआईपी के लिए विशेष टेंट बनाए जा रहे हैं।