प्रयागराज न्यूज डेस्क: प्रयागराज में नए पुलिस कमिश्नर की नियुक्ति के साथ ही कानून व्यवस्था को मजबूत बनाने की कोशिशें फिर से शुरू हो गई हैं। यहां की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संवेदनशीलता के चलते पुलिस प्रशासन को कई मोर्चों पर सतर्क रहना पड़ता है। माफिया नेटवर्क का सफाया, सांप्रदायिक सौहार्द, साइबर अपराध और युवाओं में बढ़ते अपराध जैसे मुद्दे नए कमिश्नर के सामने बड़ी चुनौती बनकर खड़े हैं।
शहर में माफिया नेटवर्क की समस्या अब भी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। अतीक अहमद और अशरफ के सफाए के बावजूद उनके सहयोगी और गुर्गे अभी भी सक्रिय हैं। ऐसे में इन पर प्रभावी कार्रवाई करना नए पुलिस कमिश्नर की पहली बड़ी परीक्षा होगी। इसके अलावा, सांप्रदायिक तनाव को रोकना भी एक बड़ी जिम्मेदारी है। रामनवमी, मोहर्रम और कांवड़ यात्रा जैसे आयोजनों के दौरान शांति बनाए रखना आसान नहीं होता।
कम उम्र के अपराधियों की बढ़ती संख्या भी चिंता का विषय है। छोटे-छोटे गैंग बनाकर चोरी, झपटमारी, बमबाजी और सोशल मीडिया पर वीडियो बनाने वाले युवा अपराधियों पर लगाम कसना एक बड़ी चुनौती है। इसके साथ ही, साइबर अपराध भी तेजी से बढ़ रहे हैं। साइबर ठगी, बैंक फ्रॉड और सोशल मीडिया के जरिए लोगों को निशाना बनाने वाले अपराधियों पर काबू पाना जरूरी है।
इसके अलावा, लंबित मामलों की निष्पक्ष विवेचना भी जरूरी है। शहर के कई थानों में लंबित केसों का निपटारा नहीं हो पा रहा है, जिससे पुलिस की छवि पर असर पड़ रहा है। वहीं, थानों में संसाधनों की कमी और पुलिसकर्मियों का अत्यधिक कार्यभार भी एक बड़ी समस्या है। ऐसे में नए कमिश्नर को आंतरिक सुधार और पुलिस बल का मनोबल बढ़ाने पर भी ध्यान देना होगा।