प्रयागराज न्यूज डेस्क: उत्तर भारत सहित संगम नगरी प्रयागराज में इस बार की गर्मी ने पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। सोमवार, 21 अप्रैल को प्रयागराज उत्तर प्रदेश का सबसे गर्म शहर बन गया, जहाँ 44.3 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। इसके बाद कानपुर और वाराणसी क्रमशः 44 और 43.4 डिग्री सेल्सियस के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। इस बढ़ती गर्मी ने शहरवासियों को खासा प्रभावित किया है, और लोग गर्मी से बचने के लिए घरों से कम ही बाहर निकल रहे हैं। जब लोग बाहर निकलते हैं, तो वे पूरी तरह से एहतियात बरतते हुए शीतल पेय पदार्थों और मौसमी फलों का सेवन कर रहे हैं।
मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, यह भीषण गर्मी आगे भी जारी रहने का अनुमान है और लोगों को राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। इस गर्मी के कारण लोग अपनी सुरक्षा के लिए गर्म कपड़े पहनने की सलाह ले रहे हैं, साथ ही शीतल पेय और ताजे फल खाने की भी सिफारिश की जा रही है। गर्मी के कारण, गमछे, टोपी और ग्लव्स की दुकानों पर भी भीड़ बढ़ गई है, जबकि जूस और मौसमी फल बेचने वाली दुकानों पर लोगों की काफी भीड़ देखी जा रही है। लोगों का मानना है कि अगर यही स्थिति रही तो मई और जून में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस को पार कर सकता है।
गर्मी के प्रकोप से बचने के लिए जिला प्रशासन ने पहले ही हीट वेब के संबंध में एक विस्तृत एडवाइजरी जारी की थी। डीएम प्रयागराज, रविंद्र कुमार मांदड ने अस्पतालों को अलर्ट कर दिया है, ताकि गर्मी से संबंधित किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटा जा सके। स्कूलों का समय भी बदल दिया गया है, और अब कक्षा 1 से 8वीं तक के स्कूल सुबह 7 बजे से 12 बजे तक चल रहे हैं। लोग इस गर्मी को ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव के रूप में देख रहे हैं और उनका कहना है कि हमें पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए पौधे लगाने की आवश्यकता है।