संताली समुदाय के उत्थान के लिए चार सूत्री एजेंडे की मांग कर रहे ओलचिकी हुल बैसी संगठन ने मंगलवार (4 जुलाई) को राज्यव्यापी बंद की घोषणा की है। बंद की पूर्व संध्या पर जमशेदपुर के सुंदरनगर से करनडीह चौक तक मशाल जुलूस निकाला गया. मार्च का नेतृत्व पोधेसा गांव के माझी बाबा ने किया.समूह संताली भाषा को आधिकारिक भाषा का दर्जा, एक अलग संताली अकादमी, ओलचिकी लिपि में संताली भाषा की पुस्तकों की छपाई और पढ़ाई और संताली शिक्षकों की बहाली की मांग कर रहा है।
समूह ने झारखंड सरकार पर उनकी मांगों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है और मंगलवार को झारखंड को पूर्ण रूप से बंद करने का आह्वान किया है.स्थानीय रिपोर्टों में दावा किया गया है कि पारंपरिक वेशभूषा में पुरुष और महिलाएं ढोल की लयबद्ध थाप के साथ अपनी मांगों को उठाने के लिए सड़कों पर उतरे।समूह ने कहा कि बंद सफल होगा और वे अपनी मांगों के समर्थन में सड़कों और रेलवे पटरियों को अवरुद्ध करेंगे।
झारखंड बंद को सफल बनाने के लिए सभी दुकानदारों व प्रतिष्ठानों से अपनी-अपनी दुकानें बंद रखने व सड़क पर वाहनों का परिचालन बंद रखने का आह्वान किया गया.सरकार को 27 जून तक संथाली लिपि में किताबों की छपाई और पढ़ाई शुरू करने का अल्टीमेटम दिया गया था.आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने ओलचिकी हुल बैसी को झारखंड मुक्ति मोर्चा की बी टीम बताया.