प्रयागराज न्यूज डेस्क: प्रयागराज पुलिस ने एक ऐसे शातिर गैंग का पर्दाफाश किया है, जो शादी के नाम पर लोगों को ठगने का काम करता था। यह गैंग फिल्मी स्टाइल में काम करता था—कोई लड़की दुल्हन बनती थी, तो उसके साथ नकली माता-पिता, भाई-बहन और रिश्तेदारों की फौज भी तैयार रहती थी। हर बार नई पहचान और नया प्लान बनाकर ये लोग शिकार को पूरी तरह अपने जाल में फंसा लेते थे।
इस गैंग की ठगी की रकम डेढ़ लाख से लेकर पांच लाख रुपये तक होती थी। शादी की बात ऐसे की जाती थी कि सामने वाला झूठ पकड़ ही नहीं पाता। लड़की की विदाई तक होती थी, लेकिन रास्ते में वह किसी बहाने से फरार हो जाती थी। कई मामलों में तो शादी के कुछ दिन बाद उसके ‘फर्जी घरवाले’ आकर उसे वापस ले जाते थे, यह कहकर कि कोई ज़रूरी काम आ गया है।
इस गिरोह का भांडा तब फूटा जब राजस्थान के गोपाल गुर्जर ने शिकायत की कि उसके बेटे की शादी ‘प्रीति’ नाम की लड़की से हुई, जो बाद में फर्जी निकली। पुलिस जांच में पता चला कि उसका असली नाम शहाना है और वह पहले से शादीशुदा है। गिरोह की चार महिलाएं—शहाना, निशा, ममता और प्रीति—कई बार दुल्हन बन चुकी थीं और इनमें से तीन की पहले से शादी हो चुकी है।
गिरफ्तार हुए पुरुष सदस्यों में जुनैल और आसिफ, दूल्हे के ससुर और भाई का रोल निभाते थे। इस पूरे गिरोह का मास्टरमाइंड श्रीराम गुर्जर था, जो शादी करवाने के नाम पर लड़के वालों से संपर्क करता और फोटो दिखाकर डील तय करवाता था। गैंग के पास फर्जी आधार कार्ड और दस्तावेज थे, जिन्हें साइबर कैफे से बनवाया गया था। पुलिस ने अब तक छह फर्जी आधार बरामद किए हैं और गिरोह से जुड़े बैंक खातों की जांच जारी है। पुलिस को शक है कि इस गैंग ने कई राज्यों में लोगों को निशाना बनाया है।