आजकल सोशल मीडिया और कई ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर यह दावा किया जा रहा है कि सी-सेक्शन (C-Section) के बाद 70% महिलाओं का दिल कमजोर हो जाता है। यह दावा कई लोगों के बीच चिंता का विषय बन गया है। लेकिन क्या वास्तव में ऐसा होता है? आइए इस दावे की सच्चाई जानने के लिए विशेषज्ञों से बात करते हैं।
C-Section और हृदय स्वास्थ्य: क्या है सच्चाई?
C-Section या सिजेरियन डिलीवरी एक सामान्य सर्जिकल प्रक्रिया है, जो तब की जाती है जब सामान्य प्रसव संभव नहीं होता या मां और बच्चे के स्वास्थ्य के लिए खतरा हो सकता है। हालांकि, यह एक बड़ी सर्जरी होती है, लेकिन क्या इसका सीधा असर महिलाओं के हृदय स्वास्थ्य पर पड़ता है?
विशेषज्ञों की राय
डॉक्टरों और विशेषज्ञों के अनुसार, C-Section के बाद महिलाओं के दिल के कमजोर होने का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। हालांकि, किसी भी सर्जरी के बाद शरीर को रिकवरी के लिए समय चाहिए होता है, लेकिन इसका सीधा संबंध हृदय की कमजोरी से नहीं है। डॉ. नेहा शर्मा (कार्डियोलॉजिस्ट) कहती हैं, "C-Section के बाद महिलाओं को ठीक होने में समय लग सकता है, लेकिन यह दावा कि 70% महिलाओं का दिल कमजोर हो जाता है, पूरी तरह गलत है। यह सर्जरी का एक सामान्य प्रभाव नहीं है।"
C-Section के बाद संभावित स्वास्थ्य प्रभाव
C-Section के बाद महिलाओं को कुछ सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जैसे:
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थकान और कमजोरी – शरीर को सामान्य स्थिति में लौटने में समय लगता है।
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ब्लड प्रेशर में बदलाव – कुछ महिलाओं को अस्थायी रूप से हाई या लो ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है।
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ब्लड क्लॉटिंग का खतरा – किसी भी बड़ी सर्जरी के बाद ब्लड क्लॉटिंग का खतरा बढ़ सकता है।
क्या कहता है मेडिकल साइंस?
मेडिकल रिसर्च के अनुसार, C-Section का सीधा संबंध हृदय की कमजोरी से नहीं है। हालांकि, कुछ महिलाओं में पहले से मौजूद हृदय संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, जो डिलीवरी के बाद स्पष्ट हो सकती हैं। डॉ. अजय गुप्ता (गायनेकोलॉजिस्ट) बताते हैं, "C-Section के बाद महिलाओं को पर्याप्त आराम और पोषण की जरूरत होती है, लेकिन यह दावा कि 70% महिलाओं का दिल कमजोर हो जाता है, भ्रामक है।"
निष्कर्ष
C-Section के बाद महिलाओं के दिल के कमजोर होने का दावा पूरी तरह से मिथ्या है। हालांकि, किसी भी बड़ी सर्जरी की तरह, C-Section के बाद भी कुछ स्वास्थ्य जटिलताएं हो सकती हैं, लेकिन इसका हृदय की कमजोरी से कोई सीधा संबंध नहीं है। ऐसे भ्रामक दावों पर भरोसा करने से पहले विशेषज्ञों से सलाह लेना जरूरी है।