कुली मूवी रिव्यु : रजनीकांत का जबरदस्त कमबैक, सोबिन ने चुराई सारी लाइमलाइट
कुली कोई क्रांतिकारी फिल्म नहीं, लेकिन लोकेश के बढ़ते एक्शन यूनिवर्स में एक क्वालिटी एडिशन है।
निर्देशक: लोकेश कनगराज
कलाकार: रजनीकांत, नागार्जुन, सोबिन शाहीर, श्रुति हासन, सत्यराज, उपेंद्र, आमिर खान
समय: 170 मिनट
लोकेश कनगराज मसाला एक्शन जॉनर को एक नए, डार्क अंदाज में लेकर लौटे हैं, जिसमें रजनीकांत का जबरदस्त अभिनय देखने को मिलता है। सनपिक्चर्स के प्रोडक्शन में बनी यह फिल्म और अनिरुद्ध के जोरदार संगीत से भरपूर, कुली एक बड़ा एंटरटेनर होने का वादा करती है — और लगभग पूरीतरह से और पर खरी भी उतरती है। नागार्जुन, सोबिन शाहीर, श्रुति हासन, सत्यराज, और यहाँ तक कि आमिर खान और उपेंद्र के कैमियो के साथ, उम्मीदें बहुत बड़ी थीं, और सभी पूरी होती है.
रजनीकांत ने देवा का किरदार निभाया है, जो एक शांत दिखने वाला मेंशन केयरटेकर है, लेकिन जब उसे राजसेखर (सत्यराज) की मौत में गड़बड़ी काशक होता है, तो वह बदले की आग में जल उठता है। देवा की जाँच में एक बड़ा भ्रष्टाचार और अपराध का जाल खुलता है, जिसका नेतृत्व साइमन(नागार्जुन) करते हैं, जो एक अमीर एक्सपोर्टर है, और उनके क्रूर गुंडे दयाल (सोबिन शाहीर)। जैसे-जैसे देवा सचाई के करीब पहुँचता है, राजसेखर केअतीत और इस अपराध संगठन के बीच कनेक्शन सामने आते हैं, और कहानी में जोरदार एक्शन भी शामिल हो जाता है।
लोकेश हीरो-विलेन की पुरानी कहानी नहीं दोहराते। वे सोबिन के किरदार दयाल के जरिए अनपेक्षित मोड़ लाते हैं — दयाल कोई आम साइड विलेननहीं है। वह डरावना, चालाक और सीधे सामने आने वाला खलनायक है। सोबिन का अभिनय फिल्म का सबसे बड़ा सरप्राइज और सबसे अच्छाहिस्सा है। नागार्जुन भी अपनी भूमिका में सधी हुई धमक दिखाते हैं — ज़्यादा जोर-शोर से नहीं, लेकिन असरदार।
स्क्रिप्ट काफी मजबूत है, और कई ट्विस्ट्स हैं जो आपको अंत तक बांधे रखते हैं। ज़्यादा रोमांटिक साइड स्टोरीज़ नहीं हैं, जो आजकल की मसालाफिल्मों में कम ही देखी जाती हैं। श्रुति हासन ने प्रीथी (राजसेखर की बेटी) का रोल निभाया है, जिसमें कुछ अच्छे दृश्य हैं, लेकिन उनका किरदार थोड़ाकम लिखा गया है। पूजा हेगड़े का एक गीत कैमियो फिल्म में ग्लैमर जोड़ता है, जो कहानी को नुकसान नहीं पहुँचाता।
सबसे ज्यादा कामयाब लोकेश का टोन है — रॉ और फ़ास्ट, जो की मसाला जॉनर के फैंस के लिए सही है। तीसरा भाग ज़ोरदार क्लाइमैक्स औरभविष्य के लिए संभावित सीक्वल की तैयारी करता है, जो लोकेश के सिनेमा यूनिवर्स को आगे बढ़ाता है।
तकनीकी तौर पर फिल्म बेहतरीन है। अनिरुद्ध की बैकग्राउंड स्कोर धीमे हिस्सों को भी ऊर्जा देती है, और गिरिश गंगाधरन की सिनेमैटोग्राफी फिल्म कोएक ठोस और स्टाइलिश लुक देती है। फिलोमिन राज की एडिटिंग भी अच्छी है, हालांकि कुछ भावुक दृश्य थोड़े छोटे हो सकते थे।
आखिर में, कुली एक अच्छी तरह से पैक किया गया एंटरटेनर है जिसमे स्टार पावर, शानदार किरदार, कड़क कहानी और बहुत कुछ है। कहानी मेंकाफी कुछ नया है, और लोकेश की डायरेक्शन इसे और बेहतर बनाती है। रजनीकांत अपने फैंस को वो सब देते हैं जो वे चाहते हैं, लेकिन सपोर्टिंगकलाकारों का अभिनय सबसे ज्यादा असर छोड़ता है।
रजनीकांत की शान और सोबिन शाहीर की डरावनी भूमिका के साथ एक दमदार एक्शन ड्रामा। कोई क्रांतिकारी फिल्म नहीं, लेकिन लोकेश के बढ़तेएक्शन यूनिवर्स में एक क्वालिटी एडिशन है।