सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इन दिनों एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में कुछ छात्र परीक्षा हॉल में खुलेआम नकल करते नजर आ रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो यूपी, बिहार और झारखंड में हो रही IAS परीक्षा का है। हालांकि, जब इस वायरल वीडियो की सच्चाई की पड़ताल की गई तो जो सामने आया, वह बिल्कुल अलग था। दरअसल, वायरल हो रहा यह वीडियो IAS परीक्षा से नहीं, बल्कि LLB परीक्षा से जुड़ा हुआ है और यह मामला उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले का है।
क्या है वायरल दावा?
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर @SKV_offl नाम के यूजर ने यह वीडियो शेयर किया। उन्होंने कैप्शन में लिखा-
"यूपी-बिहार, झारखंड में IAS परीक्षा देते छात्र।"
इस पोस्ट के बाद वीडियो को हजारों बार शेयर किया गया। लोगों ने कमेंट्स में इस पर सवाल उठाए और IAS परीक्षा प्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए। कई यूजर्स ने इस पर नाराजगी भी जाहिर की कि इतनी प्रतिष्ठित परीक्षा में भी इस तरह की लापरवाही हो रही है।
सच्चाई क्या है?
जब वायरल वीडियो की पड़ताल की गई तो असलियत कुछ और ही निकली। सजग फैक्ट चेक टीम ने इस वीडियो के कीफ्रेम्स निकालकर रिवर्स इमेज सर्च किया। इसके बाद टीम को India Today की रिपोर्ट मिली, जिसमें बताया गया था कि यह वीडियो उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले का है। यह वीडियो LLB परीक्षा के दौरान का है, जो पिछले साल वायरल हुआ था। इसके अलावा ABP न्यूज की एक रिपोर्ट में भी इस वीडियो का जिक्र मिला। उस रिपोर्ट के मुताबिक, छात्र गाइड और नोट्स के सहारे LLB का पेपर दे रहे थे। वीडियो में स्पष्ट रूप से सामूहिक नकल करते छात्र देखे जा सकते हैं। यह मामला सामने आने के बाद डॉ. राममनोहर लोहिया विश्वविद्यालय के कुलपति ने इस पर सख्त रुख अपनाया और जांच के आदेश दिए।
प्रशासन की कार्रवाई
डॉ. राममनोहर लोहिया विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर प्रतिभा गोयल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक जांच समिति का गठन किया। साथ ही कॉलेज में दो ऑब्जर्वर भी तैनात किए गए। विश्वविद्यालय प्रशासन ने वादा किया कि दोषी पाए जाने वाले छात्रों और कॉलेज प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
निष्कर्ष
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा यह वीडियो IAS परीक्षा से जुड़ा नहीं है। यह वीडियो उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में हुई LLB परीक्षा का है और यह मामला पिछले साल का है। कुछ लोग इसे भ्रामक दावे के साथ शेयर कर रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि किसी भी वायरल कंटेंट पर भरोसा करने से पहले उसकी सच्चाई की पड़ताल कर लें। फैक्ट चेकिंग और सही जानकारी ही अफवाहों और गलत सूचनाओं से बचने का सबसे अच्छा तरीका है।