फ़र्ज़ी खबरों का प्रमाण कोरोना की तरह साल की शुरुआत से फैलता जा रहा है और राजनीति में इसका फ़ायदा पूरी ताराह से लिए जाता है |जैसे हालही में असम में अपने चुनावी अभियान को धार देने के चक्कर में कांग्रेस ने कुछ गलत कदम उठाए थे | कांग्रेस बैकफुट पर आगई थी जब झारखंड से जुड़े एक वीडियो को असम का करार देते हुए राज्य सरकार पर निशाना साधा था | सोशल मीडिया पर तो कांग्रेस की बहुत खिचाई हुई ही, इसके साथ असम के वित्त मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने प्रदेश कांग्रेस इकाई को फेक न्यूज की फैक्ट्री करार दिया |
असम कांग्रेस ने झारखंड में एक मॉक ड्रिल के वीडियो को असम का बताते हुए कहा था कि संशोधित नागरिकता कानून (एंटी का प्रोटेस्ट) के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान ५ लोगों की मौत हुई थी | २.४७ मिनट के इस वीडियो में वायसओवर के जरिए कहा गया था कि का विरोधी प्रदर्शन में मासूम लोगों की मौत हुई थी | यहां गौर करने वाली बात यह थी कि वीडियो तो पुराना था ही उस पर फैक्ट चेक भी पहले हो चुका था | इसके बावजूद कांग्रेस ने सरकार को घेरने के फेर में झूठा वीडियो पोस्ट कर दिया |
दिसंबर 2019 में प्रकाशित एक फैक्ट चेक (Fact Check) रिपोर्ट के अनुसार, वीडियो झारखंड में पुलिस की मॉक ड्रिल का है, जिसे कई लोगों ने सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान पुलिस फायरिंग का बताते हुए शेयर किया था | कांग्रेस अपनी गलती मानने को तैयार नहीं था सच सामने आने के बाद भी |