मुंबई, 11 मई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने भारत के रूस से तेल खरीदने पर कहा, भारत ने रूस का तेल खरीदा क्योंकि हम चाहते थे कि कोई उनका तेल खरीदे। ये हमारी पॉलिसी का डिजाइन था। हम नहीं चाहते थे कि तेल की कीमतें बढे़ं। दरअसल, यूक्रेन पर हमले के बाद से अमेरिका और पश्चिमी देशों ने रूस से तेल और गैस खरीदने पर पाबंदियां लगा दी थी। इससे यूरोप के कई देशों को गैस की किल्लत का सामना करना पड़ा था। हालांकि, भारत ने रूस से तेल खरीदना जारी रखा था। ऐसे में कई पश्चिमी देशों ने भारत पर सवाल खड़े किए थे। वहीं, भारत अपने बचाव में कहता रहा है कि वो किससे तेल खरीदेगा और किससे नहीं ये उनका फैसला है। वो किसी के दबाव में नहीं आएगा। इस बीच गार्सेटी ने कहा है कि भारत ने रूस से तेल खरीद कर किसी नियम का उल्लंघन ही नहीं किया। वहींं, कल ही विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हम पर रूस से तेल न खरीदने के लिए दबाव बनाया गया था। जयशंकर ने कहा था, सोचिए अगर हम दबाव के आगे झुक गए होते और रूस का तेल खरीदना बंद कर दिया होता तो लोगों के लिए पेट्रोल की कीमत कितनी बढ़ जाती, पेट्रोल कम से कम 20 रुपए महंगा होता।
तो वहीं, गार्सेटी ने भारत और अमेरिका के रिश्तों को मॉडर्न रोमांटिक रिलेशनशिप जैसे बताया। उन्होंने कहा, अगर फेसबुक की भाषा में भारत और अमेरिका के रिश्तों को देखा जाए तो ये कहा जा सकता है कि पहले हम कॉम्प्लिकेटेड रिश्ते में थे और अब हम डेट कर रहे हैं। हम एक दूसरे की आदतों को समझ रहे हैं ये कह सकते हैं अब हम लिवइन में हैं। गार्सेटी ने कहा, भारत ये स्पष्ट कर चुका है कि उसकी पॉलिसी नॉन-एलाइनमेंट की है। यानी वो किसी गुट का हिस्सा नहीं बनना चाहता है। उन्हें किसी के साथ की जरूरत नहीं है। रोमांटिक भाषा में कह सकते हैं कि भारत अकेला रहना पसंद करेगा शादी नहीं करेगा। भारत और अमेरिका दुनिया के 2 बड़े लोकतांत्रिक देश हैं। दोनों में खामियां हैं। हमें स्वीकार करना चाहिए।