पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा पर तनाव बुधवार की सुबह भीषण युद्ध में बदल गया। अफगानिस्तान के तालिबान शासन ने दावा किया है कि उनकी जवाबी कार्रवाई में बड़ी संख्या में पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं, और उन्होंने पाकिस्तान की कई प्रमुख चौकियों और सैन्य ठिकानों पर कब्जा कर लिया है। अफगान सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने इस टकराव की पुष्टि करते हुए कहा कि सुबह तड़के पाकिस्तानी सेना ने तोपखाने और अन्य भारी हथियारों से अफगानिस्तान पर हमला किया। यह हमला विशेष रूप से कंधार के स्पिन बोल्डक जिले को निशाना बनाकर किया गया।
अफगानिस्तान को भी नुकसान
मुजाहिद ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि पाकिस्तान की इस "बिना उकसावे वाली कार्रवाई" में दुर्भाग्य से 12 अफगानी नागरिक शहीद हो गए और 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं। उन्होंने आगे बताया कि इसके जवाब में अफगान सेना को जवाबी कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ा। तालिबान के दावे के अनुसार, इस जवाबी कार्रवाई के परिणामस्वरूप कई पाकिस्तानी हमलावरों का सफाया हो गया, उनकी चौकियों और सैन्य ठिकानों पर अफगानी बलों ने कब्जा कर लिया, और पाकिस्तानी सेना के हथियार और टैंक जब्त कर लिए गए। तालिबान ने यह भी दावा किया कि उनके द्वारा पाकिस्तानी सैन्य ढांचे का एक बड़ा हिस्सा नष्ट कर दिया गया है। मुजाहिद ने कहा कि पाकिस्तान ने हमले के लिए एयरबोर्न हथियारों का भी इस्तेमाल किया था।
डूरंड रेखा पर टेंशन
तालिबान ने कहा कि सुबह लगभग 4 बजे शुरू हुए इस टकराव में सुबह 8:00 बजे तक वे स्थिति पर नियंत्रण पाने में कामयाब हो गए थे। तालिबान ने साफ संदेश दिया है कि मुजाहिदीन अपनी मातृभूमि और नागरिकों की रक्षा के लिए मजबूत संकल्प के साथ तैयार खड़े हैं। इस बीच, टोलो न्यूज के सूत्रों ने स्पिन बोल्डक में डूरंड रेखा पर बने फ्रेंडशिप गेट को अफगान फोर्सेज द्वारा तोड़ दिए जाने की पुष्टि की है। सूत्रों ने यह भी बताया कि पाकिस्तानी सेना को भी इस झड़प में काफी नुकसान हुआ है। हालांकि, अधिकारियों ने कहा है कि पाकिस्तानी पक्ष के अनुरोध पर लड़ाई अब रोक दी गई है, लेकिन स्पिन बोल्डक इलाके में तनाव बहुत अधिक है और सीमा के नजदीक रहने वाले परिवार पलायन कर रहे हैं।
पाकिस्तान का दावा और कतर-सऊदी से अपील
दूसरी ओर, पाकिस्तानी सेना की प्रवक्ता यूनिट आईएसपीआर ने दावा किया कि 14/15 अक्टूबर की रात को अफगान तालिबान और 'फ़ितना-अल-ख़्वारिज' (पाकिस्तान टीटीपी को इसी नाम से संदर्भित करता है) ने खैबर पख्तूनख्वा के कुर्रम सेक्टर में पाकिस्तानी सीमा चौकियों पर हमला करने की कोशिश की थी। पाकिस्तान का दावा है कि इन हमलों को प्रभावी ढंग से नाकाम कर दिया गया और पाकिस्तानी सैनिकों की उचित प्रतिक्रिया में छह टैंकों सहित अफगानी पक्ष की आठ चौकियां नष्ट कर दी गईं।
इस तनाव के बढ़ने के बाद पाकिस्तान ने एक बार फिर सऊदी अरब और कतर से हस्तक्षेप करने और अफगानिस्तान से लड़ाई रुकवाने का आग्रह किया है। अफगानी अधिकारियों ने कहा है कि पाकिस्तान को समझना चाहिए कि वे अपने राष्ट्रीय हितों और मूल्यों की रक्षा में कभी चुप नहीं रहेंगे, और अगर कोई हमलावर उन पर हमला करता है, तो वे ऐसा जवाब देंगे जो इतिहास के लिए एक उदाहरण बन जाएगा।