मुंबई, 03 अप्रैल, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। अमेरिका के इलिनॉय राज्य के रिसर्चर्स ने ऐसी खोज की है। जिसमे उन्होंने बताया की, धरती की सतह से 700 किलोमीटर नीचे सबसे बड़ा महासागर मौजूद है। इसमें सभी महासागर के कुल पानी से तीन गुना ज्यादा पानी मौजूद है। धरती पर पानी कहां से आया, इसकी खोज करते वक्त वैज्ञानिकों को इस महासागर के बारे में पता चला। यह महासागर पृथ्वी की सतह के नीचे एक नीले रंग की चट्टान में छिपा है। खोज करने वाली टीम के वैज्ञानिक स्टीव जैकोब्सन ने बताया कि यह चट्टान एक स्पंज की तरह है जो पानी को सोखता रहता है। 2 हजार सीस्मोमीटर के जरिए 500 भूकंप की स्टडी के बाद इस महासागर का पता चला है। वैज्ञानिक जैकोब्सन ने बताया कि इस महासागर का धरती के नीचे रहना इसलिए जरूरी है क्योंकि अगर यह सतह से बाहर आ गया, तो पृथ्वी पर सिर्फ पानी ही होगा। जमीन के नाम पर सिर्फ पहाड़ों की ऊंची चोटियां ही बच पाएंगी।
दरअसल, पृथ्वी के नीचे उठने वाली तरंगें जब किसी नमी वाली चट्टान से होकर गुजरती हैं, तो इनकी गति धीमी पड़ जाती है। सीस्मोमीटर के जरिए इन्हीं तरंगों की स्टडी के बाद महासागर की खोज की गई। इस खोज के बारे में पहली बार साल 2014 में जानकारी दी गई थी। इसे एक साइंटिफिक पेपर 'डीहाइड्रेशन मेल्टिंग एट द टॉप ऑफ लोअर मैंटल' में बताया गया था। हालांकि अब यह रिसर्च वायरल हो रही है। इस महासागर के सामने आने के बाद धरती पर पानी की उत्पत्ति को लेकर नई थ्योरी मिली है। कई रिपोर्ट्स में इस बात का दावा किया जाता है कि कॉमेट (धूमकेतू) के धरती से टकराने के बाद उसके प्रभाव से पानी उत्पन्न हुआ। हालांकि पृथ्वी की सतह के नीचे मौजूद महासागर से यह संभावना जताई जा रही है कि समुद्र समय के साथ धरती के नीचे से ही बाहर निकले हैं।