मुंबई, 28 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। भारतीय मूल की ऐस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स करीब 85 दिनों से अंतरिक्ष में फंसी हुई हैं। इस बीच उनकी मां बोनी पांड्या ने कहा कि वह अपनी बेटी के धरती पर लौटने में हो रही देरी को लेकर चिंतित नहीं हैं। अमेरिकी टीवी नेटवर्क न्यूज नेशन के होस्ट एंड्र्यू क्योमो को दिए इंटरव्यू में बोनी ने कहा, "सुनीता एक अनुभवी अंतरिक्ष यात्री हैं। मैं उन्हें कोई सलाह नहीं देती हूं। वह जानती है कि उसे क्या करना है। वह 400 दिनों तक भी अंतरिक्ष में रह चुकी है। सुनीता और बुच विल्मोर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में हैं और उनके पास वहां बहुत काम हैं। बोनी ने कहा, "नासा की टीम यह तय करना चाहती है कि सुनीता की वापसी पूरी तरह से सुरक्षित हो। इसी वजह से इसमें समय लग रहा है। मैंने 2 दिन पहले ही उससे बात की थी। उसने कहा है कि चिंता की कोई बात नहीं है। सब कुछ ठीक से चल रहा है। एक एस्ट्रोनॉट की मां के तौर पर अपने अनुभव पर बात करते हुए बोनी ने कहा, "मैं 20 साल से एक अंतरिक्ष यात्री की मां हूं। यह सुनीता की तीसरी अंतरिक्ष यात्रा है।" सुनीता विलियम्स की स्पेस यात्रा के दौरान 2022 में बोनी ने लिटिल टेल, बिग टेल्स नाम से एक किताब भी लिखी थी। दूसरी तरफ, नासा ने बताया कि सुनीता और बुच के लिए ISS में सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। वहां खाने और ऑक्सीजन की भी पर्याप्त मात्रा है। हाल ही में 2 स्पेसक्राफ्ट के जरिए 8200 पाउंड का खाना, फ्यूल और दूसरी जरूरी चीजों के अलावा 3 टन का कार्गो ISS भेजा गया है।
आपको बता दें, नासा ने 24 फरवरी को बताया था कि सुनीता विलियम्स और बुच फरवरी 2025 तक धरती पर लौटेंगे। NASA ने आखिरकार यह मान लिया था कि ISS पर फंसे दोनों एस्ट्रोनॉट को बोइंग के नए स्टारलाइनर कैप्सूल में लाना खतरनाक हो सकता है। दोनों अंतरिक्ष यात्री 5 जून को इसी स्पेसक्राफ्ट से ISS भेजे गए थे। नासा ने बताया था कि सुनीता और बुच विल्मोर फरवरी में इलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट से लौटेंगे। वहीं, स्टारलाइनर कैप्सूल एक या दो हफ्ते में ISS से अलग होकर ऑटो पालयलट मोड पर वापस आने की कोशिश करेगा। NASA के अधिकारी बिल नेल्सन ने कहा था, 'बोइंग का स्टारलाइनर बिना चालक दल के धरती पर वापस आएगा।' सुनीता और विल्मोर को 13 जून को वापस आना था, लेकिन स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी खराबी के कारण उनकी वापसी टल गई थी।