पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। पाकिस्तान की सेना ने सोमवार देर रात अफगानिस्तान के रिहायशी इलाकों पर एयर स्ट्राइक की, जिसमें 10 अफगान नागरिकों की मौत हो गई। मरने वालों में 9 बच्चे शामिल हैं, जिनकी उम्र 10 साल से भी कम बताई गई है। यह कार्रवाई पाकिस्तान के ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के पेशावर में हुए एक फिदायीन हमले के जवाब में की गई है।
रात 12 बजे हुआ हवाई हमला: तालिबान सरकार का दावा
अफगान तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने बताया कि हमला अफगानिस्तान समय अनुसार रात 12 बजे के करीब हुआ। पाकिस्तानी वायुसेना ने खोस्त, कंधार और पक्तिका प्रांतों को निशाना बनाया। इस हमले में 10 नागरिकों की मौत के अलावा 4 लोग घायल हुए हैं। सबसे ज़्यादा नुकसान खोस्त के गुरबाज़ जिले में हुआ, जहाँ एक रिहायशी मकान पर मिसाइल हमला किया गया जिसमें 9 मासूम बच्चों की मौत हो गई। पक्तिका प्रांत के बारमल जिले में पाकिस्तानी सेना ने एक मस्जिद को भी निशाना बनाया, जिसमें दो लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
अक्टूबर से लगातार हो रहे हमले – फिर भड़का तनाव
पाकिस्तान पिछले कई महीनों से अफगानिस्तान पर आरोप लगाता रहा है कि पेशावर और केपी क्षेत्र में होने वाले आतंकी हमलों के पीछे अफगान सीमा से सक्रिय आतंकी समूहों का हाथ है। अक्टूबर से अब तक पाकिस्तानी सेना कई बार अफगानिस्तान के अंदर हवाई हमले कर चुकी है। पिछले महीने एक बड़े हमले में पाकिस्तान ने अफगान रिहायशी इलाकों को निशाना बनाते हुए 59 नागरिकों की जान ली थी। इस घटना के बाद दोनों देशों के बीच तुर्किये और कतर की मध्यस्थता में सीजफायर लागू किया गया था। लेकिन ताज़ा हमला इस समझौते को लगभग खत्म कर चुका है।
तालिबान का कड़ा बयान: “सीमा और जनता की रक्षा हमारा अधिकार”
तालिबान सरकार ने पाकिस्तान की कार्रवाई को स्पष्ट आक्रामकता बताया है। प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा:“अफगानिस्तान इस तरह के हमलों की कड़ी निंदा करता है। हमारे पास अपनी हवाई और ज़मीनी सीमाओं तथा अपने लोगों की रक्षा करने का कानूनी और धार्मिक अधिकार है। उचित समय पर आवश्यक जवाब दिया जाएगा।”
तालिबान सरकार ने यह भी चेतावनी दी कि पाकिस्तान की ये कार्रवाई क्षेत्रीय शांति और पड़ोसी रिश्तों के लिए बेहद खतरनाक है।
पाकिस्तान की दलील और बढ़ता अविश्वास
पाकिस्तानी अधिकारियों का दावा है कि पेशावर में हुए फिदायीन हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों के तार अफगान सीमा से जुड़े हैं और इसी कारण “टारगेटेड ऑपरेशन” चलाया गया। हालांकि, लगातार आम नागरिकों की मौत से दोनों देशों के बीच अविश्वास गहराता जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच यह तनाव इसी तरह बढ़ता रहा, तो यह पूरा क्षेत्र अस्थिरता की नई लहर में घिर सकता है।