मुंबई, 25 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। ब्रिटेन के लेबर पार्टी के सांसद और शैडो विदेश मंत्री डेविड लैमी ने कहा है कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो वे भारत के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर प्राथमिकता से काम करेंगे। इसके अलावा ब्रिटेन और भारत के बीच स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप को भी आगे बढ़ाया जाएगा। PM सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी की आलोचना करते हुए डेविड ने कहा कि वह पार्टी 2010 से सत्ता में है। अब तक कई दीवाली बीत चुकी हैं, लेकिन कंजर्वेटिव पार्टी ने भारत के साथ ट्रेड डील साइन नहीं की। उन्होंने हमेशा भारत के साथ रिश्तों को लेकर बड़े-बड़े वादे किए लेकिन उन्हें पूरा करने के लिए जरूरी कदम नहीं उठाए। लंदन में इंडिया ग्लोबल फोरम को संबोधित करते हुए डेविड ने कहा, हमें भारत के साथ अपने रिश्तों को री-लॉन्च करने की जरूरत है। मैं भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और कॉमर्स मंत्री पीयूष गोयल से अपील करता हूं कि वे जल्द से जल्द ट्रेडी डील पूरी करने में हमारा साथ दें। लेबर पार्टी इसके लिए तैयार है।
वहीँ, लेबर पार्टी के सांसद ने कहा, सरकार में चाहे जो भी हो, भारत के साथ हमारे रिश्ते बेहद अहम हैं। आज भारत हमारा 12वां सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है। हमें इसे बदलना होगा। दोनों देशों की पार्टनरशिप का फोकस आर्थिक विकास के साथ, भारत-ब्रिटेन की सुरक्षा और वैश्विक सिक्योरिटी पर है। फ्री ट्रेड एग्रीमेंट इन्हीं संबंधों की बुनियाद है। भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की तारीफ करते हुए डेविड लैमी ने PM मोदी को तीसरे कार्यकाल की बधाई दी। उन्होंने कहा कि अगर लेबर पार्टी जीतती है तो वे भारत सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार हैं। 1.4 अरब लोगों का घर भारत एक सुपरपावर है। डेविड ने कहा, हमें ग्लोबल साउथ के साथ अपने रिश्तों को नए सिरे से शुरू करने की जरूरत है। इसका पहला पड़ाव भात होगा। वहां आज 94% ट्रेन बिजली से चलती हैं जबकि ब्रिटेन में यह आंकड़ा सिर्फ 38% है। हमें भारत से सीखने की जरूरत है।
आपको बता दें, भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार पर चर्चा की शुरुआत जनवरी 2022 में हुई थी। इसका लक्ष्य दोनों देशों के द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देना है, जो फिलहाल 4 लाख करोड़ से ज्यादा है। दोनों देशों के बीच FTA डील को लेकर अब तक 14 राउंड की बैठक हो चुकी है। हालांकि, अब तक यह समझौता साइन नहीं हो पाया है। पिछले साल FTA पर बात करते हुए ऋषि सुनक ने कहा था कि यह डील तभी हो पाएगी जब यह ब्रिटेन के हित में होगी। दरअसल, भारत-ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर डील स्कॉच, कार और वीजा जैसे मुद्दों पर असहमति के कारण अटकी हुई है। भारत स्कॉच और कारों पर टैक्स में कमी करने को तैयार नहीं है जबकि ब्रिटेन भारतीय प्रोफेशनल्स को अधिक वीजा देने को तैयार नहीं है। भारत इस बात पर अड़ा है कि ब्रिटेन में निवेश करने वाली भारतीय फर्म के 10 हजार प्रोफेशनल्स को वीजा दिए जाएं। ब्रिटेन का कहना है कि वीजा नियम सबके लिए समान हैं, भारत को विशेष दर्जा नहीं दे सकते। वहीं ब्रिटेन की मांग है कि व्यापार संबंधी विवादों की सुनवाई भारतीय कोर्ट में न होकर अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में हो। भारत इसके लिए तैयार नहीं है। इसी के साथ FTA पर 26 में से 13 मुद्दों जैसे ज्वेलरी, टैक्सटाइल, फूड प्रोडक्ट पर ही सहमति बन पाई है।