देररात दक्षिण अमेरिकी देश पेरू में एक बार फिर जोरदार भूकंप आया, जिसने पूरी धरती को हिला कर रख दिया। इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.1 मापी गई, जिससे राजधानी लीमा समेत देश के कई हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र लीमा के पश्चिम दिशा में कैलाओ से लगभग 23 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में था। भूकंप के तेज झटकों के कारण लोगों में दहशत फैल गई और वे अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए। खासकर लीमा शहर में भूकंप का असर बहुत अधिक देखा गया, जहां चट्टानों से धूल और रेत का गुबार उठता रहा।
भूकंप की जानकारी और नुकसान
जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (GFZ) ने भूकंप के आने की पुष्टि की और मीडिया को इसकी जानकारी दी। स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, भूकंप से एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि 5 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। हादसे में घायल लोगों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया है और बचाव कार्य जारी है। सड़कों और कई इमारतों को भी नुकसान पहुंचा है, जिसके कारण सरकार ने तत्काल अलर्ट जारी कर फील्ड में बचाव दलों को उतार दिया है।
पेरू के राष्ट्रपति दीना बोलुआर्टे ने देशवासियों से घरों के अंदर रहने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की है ताकि बचाव कार्य सुचारू रूप से चल सके और कोई और जान-माल का नुकसान न हो।
हादसे का दर्दनाक विवरण
लीमा शहर में जब भूकंप आया, तो एक व्यक्ति अपनी कार के पास खड़ा था और किसी का इंतजार कर रहा था। इसी दौरान पास की एक निर्माणाधीन इमारत भूकंप के झटकों से ढह गई और मलबा उस व्यक्ति के ऊपर गिर गया। सिर में गंभीर चोट लगने के कारण उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना ने पूरे इलाके में भय का माहौल पैदा कर दिया। पुलिस अधिकारी रामिरो क्लौको ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि यह हादसा अचानक हुआ और इससे लोगों में दहशत फैल गई।
पेरू का भूकंपों के प्रति संवेदनशील होना
पेरू प्रशांत महासागर के किनारे बसा एक देश है और इसे 'रिंग ऑफ फायर' क्षेत्र में शामिल किया जाता है, जहां ज्वालामुखीय गतिविधियों के कारण भूकंप आते रहते हैं। इसी कारण पेरू में भूकंप की घटनाएं आम हैं और देश का अधिकांश क्षेत्र भूकंप-प्रवण माना जाता है। पेरू की लगभग 34 मिलियन की आबादी इसी खतरे के बीच रहती है।
इतिहास में पेरू में कई बड़े और विनाशकारी भूकंप आ चुके हैं। साल 2021 में अमेजन इलाके में रिक्टर स्केल पर 7.5 तीव्रता वाला भूकंप आया था, जिसने काफी तबाही मचाई थी। इससे पहले सबसे बड़ा भूकंप 1970 में आया था, जिसने करीब 67,000 लोगों की जान ले ली थी और देश को भारी नुकसान पहुंचाया था।
भूकंप के बाद की स्थिति
इस बार आए भूकंप से पेरू की कई इमारतें ढह गई हैं और कई जगह सड़कें भी टूट गई हैं। राजधानी लीमा में फुटबॉल मैच को सुरक्षा कारणों से स्थगित कर दिया गया है। प्रशासन ने राहत और बचाव कार्यों को तीव्रता से जारी रखा है ताकि फंसे हुए लोगों को जल्द से जल्द बचाया जा सके।
सरकार ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है और कहा है कि वे अपने घरों में सुरक्षित स्थानों पर रहें। साथ ही, प्रशासनिक एजेंसियां लगातार प्रभावित इलाकों का जायजा ले रही हैं और आवश्यक सहायता प्रदान कर रही हैं।
भविष्य के लिए सतर्कता आवश्यक
पेरू भूकंप-प्रवण क्षेत्र में आने के कारण हर वक्त इस प्रकार की घटनाओं की आशंका बनी रहती है। इसलिए वहां की सरकार और स्थानीय प्रशासन नियमित रूप से आपदा प्रबंधन के लिए तैयारी करते रहते हैं। पिछले अनुभवों से सीख लेकर बचाव एवं राहत कार्यों में सुधार किया गया है ताकि भूकंप जैसी आपदा के समय नुकसान को कम किया जा सके।
इस भूकंप ने पेरू के लोगों को फिर से याद दिलाया है कि प्राकृतिक आपदाओं के प्रति सतर्क रहना कितना जरूरी है। साथ ही, देश के कमजोर और पुराने ढांचे को मजबूत करने की भी आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसे हादसों की संभावना को कम किया जा सके।
निष्कर्ष
पेरू में आए इस जोरदार भूकंप ने एक बार फिर से पूरे देश को हिला कर रख दिया है। एक व्यक्ति की जान जाने और कई लोगों के घायल होने की खबर ने सबको चिंतित कर दिया है। सरकार ने आपदा से निपटने के लिए हर संभव कदम उठाए हैं और बचाव दलों को सक्रिय कर दिया है। देशवासियों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी गई है ताकि आगे किसी तरह की अप्रिय घटना न हो।
पेरू का यह भूकंप हमें यह भी सिखाता है कि प्राकृतिक आपदाओं के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए और समय रहते उचित कदम उठाना चाहिए ताकि जान-माल का नुकसान न्यूनतम हो सके। प्रशासन और जनता दोनों को मिलकर आपदा प्रबंधन के लिए सजग और सतर्क रहना होगा, जिससे भविष्य में आने वाली किसी भी विपदा से बेहतर ढंग से निपटा जा सके।