भारत के जैवलिन थ्रो सुपरस्टार नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वे विश्व के सर्वश्रेष्ठ एथलीटों में शामिल हैं। पेरिस डायमंड लीग 2025 में उन्होंने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए जर्मनी के दिग्गज भालाफेंक खिलाड़ी जूलियन वीबर को हराकर गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया। यह मुकाबला शुक्रवार को पेरिस के स्टेड सेबेस्टियन शारलेती स्टेडियम में खेला गया और इसमें नीरज ने पहले ही प्रयास में ऐसा थ्रो किया कि बाकी सभी प्रतिद्वंद्वी पीछे रह गए।
पहले ही थ्रो में बना दी बढ़त
रज चोपड़ा ने प्रतियोगिता की शुरुआत में ही दम दिखा दिया। उन्होंने पहले प्रयास में 88.16 मीटर का थ्रो फेंका, जो पूरे इवेंट का सबसे लंबा थ्रो साबित हुआ। इस थ्रो के बाद नीरज प्रतियोगिता में शीर्ष पर पहुंच गए और कोई भी एथलीट उन्हें पछाड़ नहीं पाया।
इसके बाद नीरज ने:
हालांकि उनकी शुरुआत का थ्रो ही उनके लिए स्वर्ण पदक दिलाने वाला बन गया।
🇩🇪 जूलियन वीबर को मिली हार
नीरज की इस जीत को खास इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि इससे पहले दोहा डायमंड लीग 2025 में जूलियन वीबर ने नीरज को मात दी थी। दोहा में वीबर ने 91.06 मीटर की दूरी तय करते हुए गोल्ड जीता था जबकि नीरज 90.23 मीटर के थ्रो के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे। वह नीरज का अब तक का सर्वश्रेष्ठ थ्रो था लेकिन उन्हें सिल्वर से संतोष करना पड़ा था।
इस बार पेरिस में हालात पलटे और नीरज ने वीबर को पीछे छोड़ते हुए अपना दबदबा फिर से कायम कर दिया।
टॉप 3 में ब्राज़ील के मौरिसियो लुईज भी शामिल
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जूलियन वीबर ने पहले प्रयास में 87.88 मीटर और दूसरे प्रयास में 86.20 मीटर का थ्रो फेंका। हालांकि ये थ्रो नीरज के पहले थ्रो से कम ही रहे और वीबर को दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा।
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ब्राज़ील के मौरिसियो लुईज ने तीसरे राउंड में 86.62 मीटर का थ्रो किया और तीसरे स्थान पर रहे।
नीरज की वापसी, आत्मविश्वास का प्रतीक
नीरज चोपड़ा की यह जीत न केवल एक प्रतिस्पर्धात्मक वापसी है, बल्कि यह भी दिखाती है कि जब बात बड़े मुकाबलों की हो, तो नीरज मानसिक रूप से और शारीरिक रूप से पूरी तरह तैयार रहते हैं। पिछले मुकाबले की हार के बाद यह जीत उनके आत्मविश्वास को और बढ़ाएगी, खासकर तब जब वह आगामी एनसी क्लासिक 2025 में उतरने वाले हैं।
मुकाबला: एनसी क्लासिक 2025
नीरज चोपड़ा अब 5 जुलाई 2025 से शुरू होने वाले एनसी क्लासिक के उद्घाटन संस्करण में भाग लेंगे। यह प्रतियोगिता उनके लिए पेरिस ओलंपिक से पहले एक और अहम परीक्षा होगी। उनकी निगाहें इस समय हर टूर्नामेंट को जीतने पर हैं और उनकी तैयारी भी उसी दिशा में नजर आ रही है।
🇮🇳 भारत को गर्व
नीरज चोपड़ा की इस जीत ने एक बार फिर भारत को गर्व से भर दिया है। वह ट्रैक एंड फील्ड में भारत के सबसे बड़े ब्रांड बन चुके हैं और हर बार जब वह मैदान में उतरते हैं, तो करोड़ों भारतीयों की नजरें उन पर टिकी होती हैं।
निष्कर्ष
पेरिस डायमंड लीग 2025 में नीरज चोपड़ा ने न केवल गोल्ड जीता, बल्कि अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी को हराकर एक मजबूत संदेश भी दिया। उन्होंने यह दिखा दिया कि हार के बाद वापसी कैसे की जाती है। उनकी यह जीत सिर्फ एक पदक नहीं, बल्कि कड़ी मेहनत, आत्मविश्वास और धैर्य का प्रमाण है।
अब नजरें होंगी एनसी क्लासिक 2025 और आगे के अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स पर, जहां नीरज एक बार फिर देश का परचम लहराने को तैयार हैं।