शिया कप 2025 में 19 सितंबर को भारत और ओमान के बीच खेला गया मुकाबला क्रिकेट प्रेमियों के लिए खास रहा। भले ही इस मैच को भारतीय टीम ने 21 रन से जीत लिया, लेकिन असली आकर्षण का केंद्र ओमान के अनुभवी क्रिकेटर आमिर कलीम रहे। उन्होंने न सिर्फ शानदार बल्लेबाजी की, बल्कि क्रिकेट इतिहास में एक ऐतिहासिक उपलब्धि भी अपने नाम की।
अभ्यास जैसा मैच, लेकिन ओमान ने दिखाया दम
भारतीय टीम ने इस मुकाबले को लगभग एक अभ्यास मैच की तरह लिया। कप्तान सूर्यकुमार यादव और टीम मैनेजमेंट ने खिलाड़ियों को आजमाने का पूरा मौका दिया, लेकिन ओमान ने हार नहीं मानी और शानदार प्रतिस्पर्धा दिखाई। खासकर आमिर कलीम की पारी ने सभी का दिल जीत लिया।
आमिर कलीम की ऐतिहासिक पारी
43 साल और 303 दिन की उम्र में आमिर कलीम ने भारत के खिलाफ 64 रन की तूफानी पारी खेली। उन्होंने 46 गेंदों में 7 चौकों और 2 छक्कों की मदद से यह पारी खेली और इस दौरान एक 79 साल पुराना रिकॉर्ड भी तोड़ दिया।
अब वह भारत के खिलाफ किसी भी प्रारूप में अर्धशतक जड़ने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बन गए हैं। इससे पहले यह रिकॉर्ड इंग्लैंड के दिग्गज वैली हैमंड के नाम था, जिन्होंने 1946 में भारत के खिलाफ 43 साल और 31 दिन की उम्र में 69 रन बनाए थे। आमिर ने इस ऐतिहासिक रिकॉर्ड को पीछे छोड़ते हुए इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज कर लिया।
बल्लेबाजी ही नहीं, गेंद से भी चमके आमिर कलीम
आमिर कलीम का प्रदर्शन सिर्फ बल्ले तक सीमित नहीं रहा। उन्होंने गेंद से भी भारतीय बल्लेबाजों को परेशान किया। उन्होंने अपने 3 ओवर के स्पेल में 31 रन देकर 2 विकेट झटके, जिनमें अक्षर पटेल और शिवम दुबे जैसे अनुभवी बल्लेबाज शामिल थे। आमिर ने दिखा दिया कि उम्र केवल एक संख्या है और अगर जज़्बा हो तो मैदान पर किसी से भी टक्कर ली जा सकती है।
क्रिकेट फैंस के लिए प्रेरणा
आमिर कलीम का यह प्रदर्शन हर उम्र के खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्पद है। 43 साल की उम्र में भी उन्होंने जिस तरह से फिटनेस, एकाग्रता और धैर्य का प्रदर्शन किया, वह काबिल-ए-तारीफ है। उनके खेल ने यह साबित किया कि क्रिकेट सिर्फ युवाओं का ही खेल नहीं है – अनुभव और आत्मविश्वास भी उतना ही मायने रखते हैं।
भारत की जीत, लेकिन ओमान की वाहवाही
जहां एक ओर भारत ने मुकाबला 21 रन से जीत लिया, वहीं दूसरी ओर ओमान के जुझारू प्रदर्शन ने सबको चौंका दिया। एक असमर्थित टीम के तौर पर खेलते हुए ओमान ने मुकाबले को आखिरी ओवर तक खींचा और भारत जैसी मजबूत टीम को कड़ी टक्कर दी। अगर ओमान का मिडल ऑर्डर थोड़ा और टिकता, तो नतीजा कुछ और भी हो सकता था।
निष्कर्ष
एशिया कप 2025 का यह मुकाबला सिर्फ एक और जीत नहीं, बल्कि क्रिकेट की भावना का प्रतीक बन गया है। आमिर कलीम की ऐतिहासिक पारी और ओमान की जुझारू कोशिशों ने दिखा दिया कि क्रिकेट में कुछ भी संभव है। भारत ने भले ही मैच जीत लिया, लेकिन दिल तो आमिर कलीम ने जीत लिया।