प्रयागराज न्यूज डेस्क: जिस तरह मानव चिकित्सा के लिए प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों से लोगों को कम कीमत पर दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, उसी मॉडल पर अब पशुपालन विभाग भी कदम बढ़ा रहा है। विभाग ने पशुओं के लिए सस्ती जेनरिक दवाएं उपलब्ध कराने हेतु 'पशु औषधि केंद्र' खोलने की योजना शुरू कर दी है। इन केंद्रों पर ग्रामीण पशुपालकों को महंगी ब्रांडेड दवाओं का विकल्प मिलेगा और उनके इलाज का खर्च काफी कम होगा।
ग्रामीण क्षेत्रों में पशु चिकित्सालय तो मौजूद हैं, लेकिन दवाओं की उपलब्धता अक्सर समस्या बन जाती है। कई बार इलाज तो मुफ्त होता है, पर दवाएं बाहर से खरीदनी पड़ती हैं। बड़े ब्रांड की दवाओं के कारण पशुपालकों पर आर्थिक बोझ बढ़ता है, खासकर तब जब वे चिकित्सकों को घर बुलाते हैं। इन परिस्थितियों को देखते हुए केंद्र सरकार के मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने जेनरिक दवाएं उपलब्ध कराने के लिए विशेष पशु औषधि केंद्र स्थापित करने की दिशा में पहल की है।
नए केंद्रों पर मिलने वाली जेनरिक दवाएं अन्य कंपनियों की दवाओं की तुलना में 70 से 80 प्रतिशत तक सस्ती होंगी। पशुपालन विभाग ने पहले चरण में ब्लॉक स्तर पर एक-एक पशु औषधि केंद्र खोलने की योजना बनाई है। इसके अलावा कृषक सेवा केंद्र और सहकारी समितियों पर भी ऐसे केंद्र शुरू किए जाएंगे। विभाग ने ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी है और जरूरत पड़ने पर आगे और केंद्र भी खोले जाएंगे।
पशु औषधि केंद्र खोलने के लिए फार्मासिस्ट का पंजीकरण प्रमाण पत्र और ड्रग लाइसेंस आवश्यक होगा। साथ ही कम से कम 120 वर्ग फीट जगह की शर्त भी रखी गई है। आवेदन https://pashuaushadhi.dahd.gov.in/ पर किए जाएंगे। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. शिवनाथ यादव ने कहा कि ये केंद्र पशुपालकों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होंगे, क्योंकि अब पशुओं को कम कीमत पर गुणवत्तापूर्ण दवाएं मिल सकेगीं।