प्रयागराज न्यूज डेस्क: बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए अच्छी खबर है कि गंगा का जलस्तर अब स्थिर हो गया है। पिछले 4 घंटों में जलस्तर में कोई बढ़त नहीं हुई है। गंगा का जलस्तर फाफामऊ में 84.07 मीटर और छतनाग में 83.41 मीटर पर है। यमुना का जलस्तर नैनी में 83.91 मीटर पर है। पिछले 24 घंटों में गंगा में 21 सेंटीमीटर और यमुना में 39 सेंटीमीटर की बढ़त हुई है। खतरे का निशान 84.734 मीटर है, जो अभी तक नहीं पार हुआ है।
सोमवार को गंगा और यमुना के जलस्तर में बढ़त जारी रही, लेकिन दोपहर 12 बजे के बाद गंगा का जलस्तर स्थिर हो गया है। यमुना की रफ्तार भी थम गई है। सिंचाई विभाग के अनुसार, फाफामऊ में गंगा 84.07 मीटर और छतनाग में 83.41 मीटर पर बह रही है। यमुना का जलस्तर नैनी में 83.91 मीटर पर है। पिछले 24 घंटों में गंगा में 21 सेंटीमीटर और यमुना में 39 सेंटीमीटर की बढ़त हुई है। खतरे का निशान 84.734 मीटर है, जो अभी तक नहीं पार हुआ है।
इस हफ्ते उत्तर भारत के कई राज्यों में भारी बारिश हुई, जिससे गंगा और यमुना नदी का जलस्तर बढ़ गया। शुक्रवार सुबह गंगा का जलस्तर फाफामऊ में 79.58 मीटर, छतनाग में 78.10 मीटर और यमुना का जलस्तर नैनी में 79.35 मीटर था। लेकिन शनिवार को गंगा उफान पर आ गई और संगम क्षेत्र डूब गया। छतनाग में गंगा का जलस्तर 4.51 मीटर बढ़कर 82.61 मीटर हो गया। बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ने से कई क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति बन गई है।
यमुना नदी में पानी तेजी से बढ़ने लगा और इसकी सहायक नदियां चंबल, केन और बेतवा भी उफान पर आ गईं। कई जिलों से होकर प्रयागराज में पहुंचे पानी ने बाढ़ का रूप ले लिया। गंगा की तुलना में यमुना का पानी ज्यादा तेजी से बढ़ रहा था। यमुना का वेग इतना तेज था कि रात तक हनुमानजी की मूर्ति डूब गई और सुबह तक मंदिर परिसर में कमर तक पानी भर गया।
फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 3.34 मीटर बढ़कर 82.92 मीटर तक पहुँच गया है। वहीं, नैनी में यमुना का जलस्तर 3.69 मीटर बढ़कर 83.03 मीटर हो गया है। बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता डीएन शुक्ला ने बताया कि यमुना का स्तर अब धीमा हो गया है, जबकि गंगा का स्तर बढ़ रहा है। रविवार के बाद पानी घटने की उम्मीद है।