प्रयागराज न्यूज डेस्क: बारिश के बाद ठंड ने दस्तक दे दी है, लेकिन कॉल्विन अस्पताल में मरीजों के तीमारदारों के लिए राहत की कोई व्यवस्था नहीं दिख रही। अस्पताल परिसर में बना रैन बसेरा लंबे समय से बंद पड़ा है, जिससे मरीजों के साथ आने वाले लोगों को रात में ठहरने में भारी परेशानी हो रही है। अस्पताल में 220 बेड हैं, जिनमें लगभग 180 बेड पर मरीज भर्ती रहते हैं। ऐसे में तीमारदारों के लिए रैन बसेरा का बंद होना बड़ी समस्या बन गया है।
ब्लड बैंक के सामने बनी इमारत की दूसरी मंजिल पर पुरुषों के लिए रैन बसेरा बनाया गया था, लेकिन वहां अब ताला लटका है। जानकारी के मुताबिक, महाकुंभ के दौरान यह रैन बसेरा मजदूरों के ठहरने के लिए खोला गया था, पर उसके बाद से इसे दोबारा नहीं खोला गया। इससे तीमारदारों को अस्पताल परिसर के बाहर रुकने को मजबूर होना पड़ता है।
वहीं महिलाओं के लिए बने रैन बसेरा में सात कमरे हैं, लेकिन उनमें से केवल दो कमरे ही उपयोग में हैं। बाकी कमरों पर ताले पड़े हैं। बताया जा रहा है कि इन कमरों में से एक पर अस्पताल के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी यूनियन ने कब्जा कर रखा है, जबकि दूसरे में सैनिक कल्याण निगम के सुरक्षा अधिकारियों का कार्यालय संचालित हो रहा है।
तीमारदारों का कहना है कि ठंड बढ़ने के साथ रैन बसेरा को दोबारा खोल देना चाहिए, ताकि उन्हें रात में बाहर ठंड में नहीं रहना पड़े। अगर प्रशासन इस ओर ध्यान दे तो न केवल मरीजों के परिजनों को राहत मिलेगी बल्कि अस्पताल परिसर में भी व्यवस्था बेहतर हो सकेगी।