प्रयागराज न्यूज डेस्क: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों द्वारा 26 पर्यटकों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी, जिससे देश भर में गुस्से की लहर दौड़ गई। इस घटनाक्रम के बाद से हर नागरिक पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहा है। केंद्र सरकार ने इस संदर्भ में देश के 19 शहरों में मॉकड्रिल आयोजित करने के लिए एडवाइजरी जारी की है। प्रयागराज में भी मॉकड्रिल की तैयारियां चल रही हैं, जो 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान हुई मॉकड्रिल की याद दिलाती है।
1971 के भारत-पाक युद्ध के समय प्रयागराज, जिसे तब सेना का एक प्रमुख केंद्र माना जाता था, में मॉकड्रिल की गई थी। बाबा अभय अवस्थी के अनुसार, इस दौरान शहर में कई स्थानों पर सायरन बजाए गए थे और लोगों को चेतावनी दी जाती थी। शहर के विभिन्न हिस्सों में बंकर बनाए गए थे, जैसे कि स्वरूप रानी पार्क में जेड आकार में एक बंकर बनाया गया था, ताकि किसी भी हवाई हमले की स्थिति में लोग वहां शरण ले सकें। इसके अलावा, ब्लैकआउट की प्रक्रिया भी अपनाई गई थी, ताकि दुश्मन को यह न पता चले कि यहां आबादी रहती है।
बाबा अभय अवस्थी ने बताया कि वर्तमान परिस्थितियों में भी भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की संभावना है। उन्होंने कहा कि भारत ने पहले भी पाकिस्तान को चार बार पराजित किया है और इस बार भी भारतीय सेना का मनोबल बहुत ऊंचा है। आतंकवाद के खिलाफ भारत को वैश्विक समर्थन प्राप्त हो रहा है और देश की सभी विपक्षी पार्टियां भी इस मुद्दे पर सरकार के साथ खड़ी हैं।
बाबा अभय अवस्थी के अनुसार, मॉकड्रिल की तैयारी केवल युद्ध की पूर्व तैयारी नहीं, बल्कि यह एक सिविल सोसाइटी की संपूर्ण युद्ध योजना है जिसमें पुलिस, प्रशासन, फायर ब्रिगेड, सिविल डिफेंस और अन्य एजेंसियां शामिल होती हैं। उनका मानना है कि यदि भारत और पाकिस्तान का सामना होता है, तो भारत पाकिस्तान के घर में घुसकर हमला करेगा। इसके बाद, सिंध और बलूचिस्तान स्वतंत्र होंगे, खैबर पख्तून अफगानिस्तान को मिलेगा, और पीओके पूरी तरह से भारत का हिस्सा बन जाएगा, जिससे भारत का लोकतंत्र और भी मजबूत होगा।