प्रयागराज न्यूज डेस्क: प्रयागराज के करेली में एक दर्दनाक घटना का खुलासा हुआ है, जहां रिटायर लोको पायलट आनंद प्रकाश श्रीवास्तव की मौत को पहले झुलसने से हुई मौत माना गया था, लेकिन जांच में पता चला कि उनकी हत्या की गई थी। 20 अगस्त की रात को हुई इस घटना में 12वीं कक्षा के एक छात्र ने आनंद प्रकाश का कत्ल किया और फिर उनके शव को आग लगा दी। आरोपी ने आनंद प्रकाश का मोबाइल लूटने के लिए यह अपराध किया और फिर मोबाइल का सिम निकालकर फरार हो गया।
पुलिस ने शुरुआत में इस मामले को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला माना था, लेकिन जब परिजन आनंद प्रकाश का बैंक खाता बंद कराने के लिए पुलिस के पास पहुंचे, तो पुलिस ने जांच शुरू की और सच्चाई का पता चला।
अब पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी है और मामले की गहराई से जांच कर रही है। यह घटना शहर में अपराध की बढ़ती दर को दर्शाती है और पुलिस को अपराध नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता को उजागर करती है।
जांच में पता चला कि आनंद की मौत के बाद भी उनके बैंक खाते से पैसे निकाले जा रहे थे, जिससे पुलिस को मामले की गंभीरता का पता चला। मामला एसीपी अतरसुइया पुष्कर वर्मा तक पहुंचा, जिन्होंने इसके खुलासे के लिए उपनिरीक्षक बनवारी लाल के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की। टीम ने गहराई से जांच की और आखिरकार हत्याकांड का खुलासा हो गया।
जांच में पता चला कि 12वीं कक्षा के एक छात्र ने आनंद प्रकाश की हत्या की थी और उनका मोबाइल लूटा था। आरोपी ने आनंद प्रकाश के शव को आग लगा दी थी और फिर उनके बैंक खाते से पैसे निकालने के लिए उनके मोबाइल का सिम इस्तेमाल किया था।
पुलिस ने आरोपी की पहचान कर ली है और उसकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास कर रही है। यह घटना अपराध की बढ़ती दर को दर्शाती है और पुलिस को अपराध नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता को उजागर करती है।
जांच में पता चला कि आनंद प्रकाश के एटीएम कार्ड से डेढ़ लाख रुपये का भुगतान एक दुकान को किया गया था, इसके अलावा कई अन्य महंगी खरीदारी भी की गई थीं।आनंद प्रकाश के खाते में लगभग 20 लाख रुपये थे, जिसमें से आरोपी ने लगभग 5.50 लाख रुपये खर्च किए थे। पुलिस ने मोबाइल दुकान पर पूछताछ की और आरोपी तक पहुंच गई। पुलिस ने निहालपुर चरही तिराहा, करेली के पास से आरोपी छात्र को गिरफ्तार कर लिया। तलाशी में उसके कब्जे से एक आईफोन, एक ईयर बड्स कवर और इंडियन बैंक का एक एटीएम कार्ड बरामद हुआ।
आरोपी की गिरफ्तारी से यह पता चलता है कि पुलिस ने इस मामले में गहराई से जांच की और अपराधी को सजा दिलाने के लिए आवश्यक कदम उठाए। यह घटना अपराध के खिलाफ पुलिस की जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाती है।