मुंबई, 21 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। दिल्ली में दोस्त की नाबालिग बेटी से रेप के आरोपी अफसर को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सस्पेंड कर दिया है। सीएम केजरीवाल ने मुख्य सचिव से मामले की रिपोर्ट मांगी है। इसके कुछ ही घंटे बाद पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया। आरोपी अफसर दिल्ली के महिला एवं बाल विकास विभाग का डिप्टी डायरेक्टर था। नवंबर 2020 में दोस्त की मौत के बाद वह उसकी नाबालिग बेटी को अपने बुराड़ी स्थित घर ले आया। फिर जनवरी 2021 तक उसने लड़की के साथ कई बार रेप किया। इस दौरान लड़की प्रेग्नेंट भी हो गई। पीड़ित बच्ची आरोपी अफसर के घर रहती थी। पीड़ित की पहचान उजागर न हो, इसलिए हम अफसर का नाम नहीं लिख रहे हैं।
वहीं, पीड़ित ने आरोपी की पत्नी को पूरी बात बताई तो उसने अपने बेटे से अबॉर्शन पिल्स मंगवाकर उसे खिला दी। जनवरी 2021 में लड़की की मां बेटी को अपने साथ घर ले गई। हालांकि, पीड़ित ने रेप की बात अपने घरवालों को नहीं बताई। लगभग ढाई साल बाद मामला तब सामने आया, जब अगस्त में लड़की को एंग्जाइटी अटैक आया। वह काफी तनाव में रह रही थी। लड़की को सेंट स्टीफंस हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया, जहां काउंसलिंग के दौरान उसने डॉक्टर को आपबीती सुनाई। इस मामले में 13 अगस्त को बुराड़ी पुलिस ने पॉक्सो सहित IPC की कई धाराओं में केस दर्ज किया है। न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए उत्तरी जिला के डीसीपी सागर सिंह कलसी ने बताया कि लड़की का बयान दर्ज करने के बाद कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल डॉक्टरों ने बताया कि पीड़ित बयान देने के लिए फिट नहीं है।
इस मामले में दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी है। सोमवार को DCW चीफ पीड़ित से मिलने अस्पताल पहुंची, लेकिन उन्हें रोक दिया। एक वीडियो जारी कर उन्होंने कहा, अस्पताल प्रशासन मुझे नाबालिग से मिलने से रोक रहे हैं। गार्ड कह रहे हैं पुलिस ने मना किया है। ये चल क्या रहा है। पहले तो आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर रहे। ऊपर से मुझे लड़की से मिलने से रोक रहे हैं। क्या छुपाना चाहती है दिल्ली पुलिस। नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइड्स राइट्स (NCPCR) चीफ प्रियांक कानूनगो ने मामले पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि मामले में कानून का पालन करने में चूक हुई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार अगर अप्रैल 2020 की शुरुआत में बच्चा अनाथ हो गया है तो उसकी जानकारी बाल स्वराज पोर्टल में होनी चाहिए। दिल्ली सरकार ने कहा था कि उसने ऐसे सभी बच्चों की जानकारी दर्ज कर ली है, लेकिन पीड़ित की जानकारी पोर्टल पर नहीं है। जिस अस्पताल में लड़की भर्ती है, वहां एक टीम भेज रहे हैं। दिल्ली सरकार को भी मामले में उचित कार्रवाई के निर्देश देंगे।