मुंबई, 18 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (आरयूएचएस) अस्पताल में हाल ही में एक दुर्लभ बीमारी, मुलेरियन एजेनेसिस से ग्रसित युवती की जटिल सर्जरी कर उसे नया जीवन दिया गया है। इस बीमारी में महिलाओं के गर्भाशय और अंडेदानी से जुड़ा मार्ग प्राकृतिक रूप से नहीं बनता, जिससे मासिक धर्म भी नहीं होता और प्रजनन संबंधी समस्याएं आती हैं। ऐसे मामलों में वेजाइनोप्लास्टी तकनीक से कृत्रिम योनि मार्ग बनाया जाता है। अस्पताल प्रशासन के अनुसार, युवती की स्थिति अब सामान्य है और सफल ऑपरेशन के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। आरयूएचएस के अधीक्षक डॉ. महेश मंगल ने जानकारी दी कि यह सर्जरी स्त्री रोग विभाग की अध्यक्ष डॉ. विनिता गर्ग के निर्देशन में डॉ. एस.आर. सैनी और उनकी टीम द्वारा की गई। डॉ. सैनी ने बताया कि यह आरयूएचएस का पहला मामला था, जिसमें इस दुर्लभ स्थिति का सफल इलाज किया गया।
सर्जरी में वेजाइनोप्लास्टी नामक अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया, जिसमें चार घंटे से अधिक का समय लगा। इस प्रक्रिया में प्लास्टिक सर्जरी विभाग के विशेषज्ञों की भी मदद ली गई। यह बीमारी अत्यंत दुर्लभ है और लगभग 80,000 महिलाओं में से किसी एक में पाई जाती है। सर्जरी के दौरान डॉ. प्रियंका सिंह, डॉ. मीनाक्षी, डॉ. रिया के अलावा एनेस्थीसिया विभाग से डॉ. योगेश मोदी, डॉ. वरुण सैनी और डॉ. मनीष खंडेलवाल ने सहयोग किया। वहीं प्लास्टिक सर्जरी विभाग से डॉ. मनीष राजपुरोहित की महत्वपूर्ण भूमिका रही। यह उपलब्धि न केवल आरयूएचएस के लिए एक महत्वपूर्ण चिकित्सा सफलता है, बल्कि ऐसे दुर्लभ मामलों के इलाज में राजस्थान की चिकित्सा क्षमताओं का भी प्रमाण है।